विश्व पर्यावरण दिवस को लेकर गांव में नहीं है उत्साह का माहौल
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धरहरावासियों को थी आस इस बार आयेंगे सीएम
विश्व पर्यावरण दिवस को लेकर गांव में नहीं है उत्साह का माहौल पिछले शासन काल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार चार साल तक आये थे धरहरा बेटी के जन्म पर फलदार पौधे लगाने की परंपरा के कायल थे मुख्यमंत्री इस बार जिला प्रशासन की ओर से भी नहीं हो रहा कार्यक्रम गोपालपुर : बेटी के […]
पिछले शासन काल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार चार साल तक आये थे धरहरा
बेटी के जन्म पर फलदार पौधे लगाने की परंपरा के कायल थे मुख्यमंत्री
इस बार जिला प्रशासन की ओर से भी नहीं हो रहा कार्यक्रम
गोपालपुर : बेटी के जन्म पर 10 फलदार पौधे लगाने की परंपरा वाले गोपालपुर प्रखंड के आदर्श ग्राम धरहरा में विश्व पर्यावरण दिवस को लेकर आज कोई उत्साह नहीं है. क्योंकि इस बार भी मुख्यमंत्री यहां नहीं आ रहे हैं और न ही प्रशासनिक पदाधिकारी. बेटी के जन्म पर फलदार पेड़ लगाने की अनूठी परंपरा से मुग्ध होकर अपने पिछले शासनकाल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार चार वर्षों तक धरहरा आये. यहां उन्होंने बेटी को गाेद लेकर आम के पौधे लगाये.
इससे धरहरा को विश्वस्तरीय पहचान भी मिली. लोकसभा चुनाव में हार के बाद जब नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री की कुरसी सौंपी, तो वर्ष 2014 में मुख्यमंत्री का यहां आगमन नहीं हो सका. लेकिन, उस साल भागलपुर जिला प्रशासन ने सरकार की परंपरा को कायम रखते हुए आयुक्त, डीएम व अन्य पदाधिकारियों ने धरहरा आकर यहां की बेटी को गोद लेकर पौधे लगाये. तीसरी बार नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद धरहरावासियों को उम्मीद थी
कि मुख्यमंत्री अपनी परंपरा का निर्वहन करते हुए यहां जरूर आयेंगे. लेकिन, इस बार भी मुख्यमंत्री के यहां नहीं आने से ग्रामीणों में मायूसी है. मुखिया पति विजय सिंह, पूर्व सरपंच बिहारी सिंह, कपिलदेव सिंह व ग्रामीणों ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री यहां आते, तो आज धरहरा में उत्सव जैसा माहौल होता. लेकिन, सरकार के साथ प्रशासनिक पदाधिकारियों ने भी धरहरा को भुला दिया.
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