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कमाल अशरफ सहित चार भ्रष्ट लोकसेवकों की जब्त होगी संपत्ति

पटना/भागलपुर : राज्य के चार भ्रष्ट लोकसेवकों की संपत्ति जल्द ही जब्त होने जा रही है. इस मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने जोर-शोर से पहल शुरू कर दी है. पिछले दो वर्षों के दौरान आय से अधिक संपत्ति (डीए) के चार बड़े मामले में चार लोकसेवकों पर कार्रवाई की गयी थी. इनके खिलाफ चल […]

पटना/भागलपुर : राज्य के चार भ्रष्ट लोकसेवकों की संपत्ति जल्द ही जब्त होने जा रही है. इस मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने जोर-शोर से पहल शुरू कर दी है. पिछले दो वर्षों के दौरान आय से अधिक संपत्ति (डीए) के चार बड़े मामले में चार लोकसेवकों पर कार्रवाई की गयी थी. इनके खिलाफ चल रही जांच पूरी कर ली गयी है. अब इनकी संपत्ति जब्त करने के लिए कोर्ट में चार्जशीटदायर कर दी गयी है. डीए केस के मामले में इनके खिलाफ तमाम साक्ष्य मिल

गये हैं
जिनसे आय से अधिक संपत्ति की बात साफ तौर पर साबित होती है. इन लोक सेवकों के घरों समेत अन्य ठिकानों पर छापेमारी के दौरान
चार भ्रष्ट लोक सेवकों की…
भी लाखों रुपये नकद, जेवरात और संपत्ति के कई कागजात मिले थे. इनका सत्यापन कर लिया गया है.
इस मामले की सुनवाई तेजी से कराने पर खासतौर से ध्यान दिया जा रहा है. इसके लिए इओयू ने राज्य सरकार की तरफ से गठित विशेष न्यायालय अधिनियम के तहत कार्रवाई करने के लिए गृह विभाग को प्रस्ताव भेज दिया है. इस विशेष अधिनियम के अंतर्गत इनके सभी मुकदमे चलाये जाने की अनुमति राज्य सरकार की तरफ से प्राप्त होने के बाद तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी जायेगी. गौरतलब है कि विशेष न्यायालय अधिनियम के तहत भ्रष्ट लोक सेवकों के खिलाफ अधिकतम छह महीने में मुकदमा की सभी प्रक्रिया पूरी कर लेने का प्रावधान है.
इतने समय में इनके खिलाफ संपत्ति जब्ती का आदेश भी जारी कर दिया जायेगा, जबकि आम न्यायालयों में इन मुकदमों को निबटने में काफी समय लगता है. इस वजह से इओयू ने गृह विभाग ने इस विशेष अधिनियम के तहत कार्रवाई करने की अनुमति मांगी है. गृह विभाग के सूत्रों के अनुसार, इसकी अनुमति जल्द ही मिलने की संभावना है.
कमाल अशरफ पर यतीमखाना की जमीन बेच देने का था आरोप
वर्ष 2011 से भागलपुर रजिस्ट्री कार्यालय में अवर निबंधक के रूप में कमाल अशरफ ने कार्यभार संभाला था. उस समय यतीमखाना कमेटी के लोग व जिला सुन्नी वक्फ बोर्ड अध्यक्ष डॉ मजहर अख्तर शकील ने आरोप लगाया था कि रजिस्ट्रार ने यतीमखाना की 27 बीघा जमीन की जांच कराये बगैर बेच दी. आर्थिक अपराध इकाई के तत्कालीन डीएसपी विश्वजीत दयाल के नेतृत्व में 15 सदस्य टीम दो अलग-अलग भागों में छापेमारी की थी. सुबह 6.30 बजे उसके मकान और दफ्तर पर टीम पहुंच गयी थी. टीम को उनके पास 6900 रुपये के अलावा पत्नी के नाम 11 लाख रुपये निवेश के कागजात मिले थे.
नागेश्वर शर्मा, समस्तीपुर में पीएचइडी के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता
भरत पूर्वे, मुजफ्फरपुर में सिंचाई विभाग के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता
झकारी राम, शेखपुरा के तत्कालीन जिला खनिज पदाधिकारी

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