जयकिशन हत्याकांड. आइजी ने की समीक्षा, माना
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हत्या में शामिल नहीं था बबन
जयकिशन हत्याकांड. आइजी ने की समीक्षा, माना भागलपुर के जोनल आइजी सुशील एम खोपड़े ने बहुचर्चित जयकिशन शर्मा हत्याकांड की समीक्षा की . जिसमें हर्ष उर्फ बबन के शामिल नहीं होने की बात सामने आयी. प्रभात खबर ने 18 मई को प्रकाशित खबर में जयकिशन हत्याकांड में बबन के शामिल होने पर सवाल उठाया था. […]
भागलपुर के जोनल आइजी सुशील एम खोपड़े ने बहुचर्चित जयकिशन शर्मा हत्याकांड की समीक्षा की . जिसमें हर्ष उर्फ बबन के शामिल नहीं होने की बात सामने आयी. प्रभात खबर ने 18 मई को प्रकाशित खबर में जयकिशन हत्याकांड में बबन के शामिल होने पर सवाल उठाया था.
भागलपुर : बहुचर्चित जयकिशन हत्याकांड में हर्ष उर्फ बबन के शामिल होने के पुलिस के दावे पर प्रभात खबर के 18 मई के अंक में उठाये गये सवाल सही साबित हुए. पुलिस ने भी मान लिया कि जयकिशन हत्याकांड में बबन शामिल नहीं था. जोनल आइजी सुशील एम खोपड़े ने शनिवार को अपने कार्यालय में हत्याकांड के खुलासे के लिए बनायी टीम में शामिल पुलिस अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. आइजी ने समीक्षा के दौरान अभी तक हत्याकांड में हुई जांच रिपोर्ट देखी और साफ कर दिया कि बबन जयकिशन हत्याकांड में शामिल नहीं था.
इससे यह साफ हो गया कि इस हत्याकांड में शामिल होने का बयान बबन ने या तो दबाव में दिया या उसकी ऑरगेनिक ब्रेन डिसऑर्डर बीमारी की वजह से बिना सोचे समझे कुछ भी बोल दिया. समीक्षा बैठक में आइजी के अलावा डीआइजी बरुण कुमार सिन्हा, एसएसपी मनोज कुमार, सिटी डीएसपी शहरयार अख्तर, मोजाहिदपुर इंस्पेक्टर मनोरंजन भारती, कोतवाली इंस्पेक्टर उमाशंकर प्रसाद सिंह, बरारी थाना प्रभारी केके अकेला और तिलकामांझी थाना प्रभारी रोहित सिंह शामिल हुए.
बबन की बात झूठी साबित हो रही थी
बबन ने पुलिस को दिये बयान में कहा था कि पप्पू सोनार के कहने पर उसने जयकिशन को गोली मारी थी. उसने कहा था कि पप्पू सोनार के साथ ही बाइक से घटनास्थल तक गया था. जांच में पाया गया कि जयकिशन की हत्या वाले दिन पप्पू सोनार जेल में बंद था. प्रभात खबर के 18 मई के अंक में प्रकाशित खबर में बबन की बीमारी के अलावा यह भी बताया था कि बबन की अन्य बातें भी उसके बयान में झूठी निकली. बबन ने अपनी बहन के बारे में बयान में कहा कि वह पटना में मेडिकल की तैयारी करती है जबकि वह पटना में बीबीए कर रही है. बबन की बीमारी का कोलकाता के अलावा यहां भी इलाज हो चुका है. बबन की बीमारी ऑरगेनिक ब्रेन डिसऑर्डर बीमारी से ग्रसित बच्चे की मेमोरी कमजोर होती है. वह अपने रोजमर्रा के काम भी नहीें कर सकता, भाषा समझने में दिक्कत होती है.
प्रभात खबर ने पहले ही उठाये थे सवाल
12 मई को बबन को मोजाहिदपुर थाना क्षेत्र में गिरफ्तार किया गया था
उसने पुलिस को दिये बयान में जयकशिन हत्याकांड में शामिल होने की बात कही थी, जो झूठा साबित हुआ
बबन के परिजनों का कहना है कि वह बीमार है, उसकी मेमोरी कमजोर है और पढ़-लिख भी नहीं सकता
पांच संदिग्धों की भूमिका की होगी गहन जांच
जयकिशन हत्याकांड में पहले हुए अनुसंधान की समीक्षा करने के बाद डीआइजी बरुण कुमार सिन्हा ने पांच लोगों की भूमिका संदिग्ध मानी थी और इस हत्याकांड में उनकी भूमिका की जांच का निर्देश दिया था. जिन पांच लोगों की भूमिका संदिग्ध मानी गयी थी उनमें कोतवाली थाना क्षेत्र के गुरुद्वारा रोड के रहने वाले पप्पू साह उर्फ दिलीप साह, तातारपुर जब्बारचक के प्रेमा खटीक, तातारपुर के टीपू खान और अमजद मियां एवं तातारपुर उर्दू बाजार के टेम्पुल यादव शामिल हैं. डीआइजी के निर्देश पर अमजद मियां को पुलिस ने रिमांड पर लेकर पूछताछ की है. अब बांकी चार से पूछताछ और उनकी भूमिका की जांच की जायेगी.
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