भागलपुर: बिना जुर्म के 36 दिनों तक जेल में बंद रहने वाले तेतरी पकरा के चंदन कुमार का दर्द कम होने का नाम ही नहीं ले रहा. अभी जेल में रहने का दर्द वह भूला भी नहीं था कि उसके पुत्र की मौत जेएलएनएमसीएच में इलाज के दौरान हो गयी. चंदन का कहना है कि चिकित्सकों ने बच्चे को बचाने की कोशिश की, लेकिन वे कामयाब नहीं हो पाये.
बच्चे की मौत ब्रेन हेमरेज से हुई. बच्चे की मौत से पत्नी की स्थिति और खराब हो गयी है. चंदन ने बताया कि पुलिस ने बिना कसूर के जेल में बंद रखा. यह जिंदगी का खराब पहलू था.
हम सभी छात्र जब मिलेंगे, तो पुलिस पर मान-हानि व क्षतिपूर्ति का मुकदमा करेंगे. छात्रों से संपर्क किया जा रहा है. मेरे जेल जाने से ही पत्नी अर्चना सदमे में थी और बच्चे की स्थिति खराब हुई. अब जब पुत्र की मौत हो गयी है, तो वह बार-बार बेहोश हो जाती है. चिकित्सकों ने उसे इस सदमे से उबरने को कहा है, लेकिन वह सदमे से बाहर नहीं आ पा रही है. छात्र अंशु राज की पुलिस जीप से लगी टक्कर में मौत के बाद हुए आंदोलन में पुलिस ने चंदन को गिरफ्तार किया था. चंदन एयरटेल कंपनी में मेंटनेंस का काम करता था.