भागलपुर : आंख अंगों में सर्वोपरि है, इसकी समुचित जांच जरूरी है. बिहार रूरल आइ हेल्थ प्रोग्राम तीन वर्षों से लेप्रा साेसाइटी, जिला स्वास्थ्य समिति व साइट सेवर्स के संयुक्त तत्वावधान में हो रहा है. अंधापन को नियंत्रित करने के लिए हर लोग संकल्प लें. उक्त बातें सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार ने मंगलवार को कही.
मौका था सदर अस्पताल के सभागार में आइ केयर रिव्यू मिटिंग का. बैठक की अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ कुमार ने की. बैठक में सभी स्वास्थ्य संस्थान के प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक व नेत्र सहायक ने हिस्सा लिया. सिविल सर्जन ने सभी बीसीएम व नेत्र सहायक को निर्देश दिया कि वह आशा के माध्यम से अपने क्षेत्र के मोतियाबिंद से ग्रसित रोगियों की पहचान करें और ऑपरेशन के लिए सदर अस्पताल में रेफर करें.
आशा को प्रति केस 175 रुपये प्रोत्साहन राशि मिलेगी. लेप्रा सोसाइटी के जोनल को-ऑर्डिनेटर अमर सिंह ने कहा कि आंखों की रोशनी वापस लाने में हम सबों की अहम भूमिका है. जिला अंधापन पदाधिकारी डॉ संजय कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल में प्रत्येक बुधवार व शुक्रवार को मोतियाबिंद का ऑपरेशन के लिए तिथि निर्धारित की गयी है.
साइट सेवर्स के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रणव कुमार ने प्रजेटेंशन के माध्यम से भागलपुर जिला का डाटा प्रस्तुत किया और बताया कि 1500 मोतियाबिंद का ऑपरेशन लक्ष्य है. बैठक में डॉ अंजनी कुमार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ संजय कुमार, डीपीएम मो फैजान अशरफी, अमर सिंह, पंकज किशोर सिंह, मो जफरूल इसलाम, मो मोनाजिम, जिला नेत्र सर्वेक्षक मनोज कुमार सिंह आदि उपस्थित थे.