भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय का मूल्यांकन करने आयी नैक की पीयर टीम टिल्हा कोठी से निरीक्षण की शुरुआत की. टिल्हा कोठी पहुंचते ही रवींद्र भवन को देखा. यहां का नजारा को देख टीम गदगद हुई. टीम के सदस्यों को कुलपति प्रो रमा शंकर दुबे ने बताया कि रवींद्र भवन कई मायनों में महत्वपूर्ण है. यह इतिहास से जुड़ा है. यहां रवींद्र नाथ टैगोर आये थे और कुछ दिन ठहरे थे.
इस दौरान उन्होंने गीतांजलि का कुछ हिस्सा लिखा था. टीम के सदस्यों ने संग्रहालय को देखा व इसकी जानकारी ली. इस दौरान पीजी प्राचीन भारती इतिहास विभाग व प्लेसमेंट सेल का निरीक्षण किया. नैक पीयर की दूसरी टीम रूरल इक्नॉमिक्स विभाग व कृषि अनुसंधान केंद्र का जांच करने पहुंची. कृषि अनुसंधान केंद्र के विभागाध्यक्ष डॉ राम प्रवेश सिंह ने पावर प्वाइंट से पिछले पांच साल में किये गये शोध व उपलब्धियों के बारे में पीयर टीम को जानकारी दी. नैक की तीसरी टीम पीजी वनस्पति विज्ञान विभाग मूल्यांकन करने पहुंची. करीब एक घंटा तक वहां समय दिया. विभागाध्यक्ष प्रो एसके चौधरी ने पावर प्वाइंट के जरिये टीम को शोध, शैक्षणिक गतिविधि व डॉल्फिन से संबंधित चलाये जा रहे कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी. इस टीम में चेयरमैन भी थे. टीम ने विभाग का लैब, लाइब्रेरी, प्लांट संरक्षण आदि का जायजा लिया.
चेयरमैन प्रो जीडी शर्मा पावर प्वाइंट देख संतुष्ट दिखे. उन्होंने इसे और बेहतर करने का निर्देश दिया. देर शाम तक नैक की पीयर टीम अलग-अलग विभागाें का निरीक्षण किया. सभी विभागों ने पावर प्वाइंट के माध्यम से पिछले पांच सालों की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी. विवि सूत्रों के अनुसार पीयर टीम संतुष्ट थी, लेकिन कुछ विभागों को और बेहतर करने के लिए निर्देश दिये. इस दौरान कुछ विभाग अच्छा होने के बाद भी छात्रों की कमी पर खेद जताया.