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तीनों ताप से मुक्त करनेवाले होते हैं संत

जयंती समारोह. िजले भर में धूमधाम से मनायी गयी महर्षि मेंहीं की 132वीं जयंती जिले में शुक्रवार को महर्षि मेंहीं परमहंस महाराज की 132वीं जयंती धूमधाम से मनायी गयी. इस मौके पर कुप्पा घाट आश्रम में आयोिजत कार्यक्रम में दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचे. भागलपुर : जिले में शुक्रवार को वैशाख शुक्ल चतुर्दशी पर महर्षि मेंहीं […]

जयंती समारोह. िजले भर में धूमधाम से मनायी गयी महर्षि मेंहीं की 132वीं जयंती

जिले में शुक्रवार को महर्षि मेंहीं परमहंस महाराज की 132वीं जयंती धूमधाम से मनायी गयी. इस मौके पर कुप्पा घाट आश्रम में आयोिजत कार्यक्रम में दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचे.
भागलपुर : जिले में शुक्रवार को वैशाख शुक्ल चतुर्दशी पर महर्षि मेंहीं परमहंस महाराज की 132वीं जयंती धूमधाम से मनायी गयी. जगह-जगह पर प्रभातफेरी, पुष्पांजलि, सत्संग व प्रवचन का आयोजन हुआ. जयंती समारोह का मुख्य आयोजन भागलपुर स्थित कुप्पघाट महर्षि मेंहीं आश्रम में हुआ. समारोह में कटिहार, पूर्णिया, सुपौल, नवगछिया, बांका, गोड्डा, साहेबगंज, किशनगंज, मुंगेर समेत प्रांत के विभिन्न हिस्सों के हजारों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया. आश्रम परिसर में एक दिन पहले से ही विभिन्न स्थानों से श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था. श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला दिन भर चलता रहा.
वर्तमान आचार्य श्री महर्षि हरिनंदन बाबा ने कुप्पाघाट आश्रम में जयंती समारोह पर आयोजित प्रवचन सत्र के दौरान गुरु महिमा व महर्षि मेंहीं के व्यक्तित्व पर चर्चा करते हुए कहा कि संत का अवतरण जगत के उद्धार के लिए होता है. तीन तापों दैहिक, दैविक व भौतिक से मुक्त करने वाले संत ही हो सकते हैं. ऐसे ही संत हमारे गुरु महाराज महर्षि मेंहीं परमहंस थे. ऐसे संतों का आदेश और उपदेश पर संसार के लोग चले तो पूरे संसार में शांति का साम्राज्य स्थापित हो जायेगा.
इससे पहले आचार्य श्री समेत विभिन्न संतों एवं अतिथियों ने महर्षि मेंहीं महाराज एवं महर्षि संतसेवी महाराज के तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की. विशिष्ट अतिथि पूर्व मेयर डॉ वीणा यादव ने पुष्पांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा सद्गुरु महर्षि मेंहीं महाराज का कहना था कर्म ही पूजा है. कर्म से बढ़ कर कोई भक्ति नहीं है. मंच का संचालन कठौतिया मधेपुरा के राजेश कुमार ने एवं धन्यवाद ज्ञापन संरक्षक दीनबंधु यादव ने किया. इस मौके पर अखिल भारतीय संतमत सत्संग महासभा के महामंत्री अरुण कुमार अग्रवाल, उपाध्यक्ष सियाराम यादव, मंत्री सदानंद सागर, वरीय अधिवक्ता अभयकांत झा, जयप्रकाश यादव, अमरेश प्रसाद सिंह, आश्रम व्यवस्थापक शारदानंद, राम कुमार यादव, पंकज बाबा, कृष्ण कुमार यादव, प्रो उपेंद्र यादव, चिरंजीवी यादव धूरी आदि उपस्थित थे.
विभिन्न संतों ने किये प्रवचन
महर्षि मेंहीं परमहंस महाराज के जयंती समारोह के मुख्य आयोजन के अंतर्गत विभिन्न संतों ने गुरु महिमा एवं महर्षि मेंहीं महाराज के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला. इससे पहले प्रवचन सत्र का प्रारंभ प्रमोद बाबा ने स्तुति पाठ एवं ग्रंथ पाठ से किया. गुरुसेवी स्वामी भगीरथ बाबा ने कहा कि गुरु महाराज कहते थे अपने पसीने की कमाई खाये. आपस में मेल से रहें. ईश्वर एक है और उनके पास जाने का रास्ता एक है. वह रास्ता बाहर नहीं अंदर है.
आश्रम प्रवक्ता डॉ गुरुप्रसाद बाबा ने कहा कि मनुष्य की उपयोगिता भक्ति करने में है. संतमत का सिद्धांत छोटा है. गुरु, ध्यान और सत्संग. ईश्वर भक्ति से संसार और परमार्थ दोनों सुधरता है. स्वामी संजीवानंद बाबा ने कहा सद्गुरु ने हम मानव को माया के बंधन से निकलने का उपाय बताया है. उनके वचन पर ध्यान देने की जरूरत है. स्वामी स्वरूपानंद बाबा ने कहा गुरु का नाम ही ज्ञान का होता है. सद्गुरु के नाम से ही कल्याण होगा. अपने अंदर में जाइये गुरु महाराज का दर्शन हो जायेगा. गुरु महाराज का सेवा में जीवन बनाना और साधना में जीवन बनाना ही ध्येय रहा. स्वामी कमलानंद बाबा, स्वामी परमानंद बाबा, स्वामी नंदन बाबा, स्वामी नरेशानंद बाबा आदि संतों ने भी प्रवचन किये.
सद्गुरु महाराज के जयकारों के साथ निकली प्रभात फेरी
महर्षि मेंहीं महाराज की 132वीं जयंती के अवसर पर शुक्रवार को पांच बजे पांच लग्जरी गाड़ियों को सजा कर सद्गुरु की प्रभात फेरी व शोभायात्रा निकाली गयी. शोभायात्रा कुप्पाघाट आश्रम परिसर से निकल कर डीएम कोठी, तिलकामांझी, कचहरी, घंटाघर, पटलबाबू रोड होते हुए स्टेशन चौक पहुंची. स्टेशन चौक से कोतवाली, खलीफाबाग होते हुए फिर उसी रास्ते से आश्रम परिसर में पहुंच कर पूरी हुई. शोभायात्रा में सैकड़ों श्रद्धालुओं हुए और सद्गुरु महाराज की जय, महर्षि मेंहीं परमहंस महाराज की जय आदि जयकारा से मार्ग को गुंजायमान करते रहे. इसके बाद प्रात: कालीन सत्संग, गुरू महिमा ग्रंथ पाठ एवं गुरु महाराज की अनमोल वाणी का पाठ हुआ.
अंगरेजी में महर्षि मेंहीं पदावली पुस्तक का लोकार्पण. महाराष्ट्र औरंगाबाद के प्रवेश कुमार सिंह द्वारा अंगरेजी में अनुवादित महर्षि मेंहीं पदावली पुस्तक का लोकार्पण सत्संग सत्र में आचार्य हरिनंदन बाबा, पूर्व मेयर डॉ वीणा यादव समेत अन्य संतों ने किया.
हजारों श्रद्धालुओं ने भंडारा में लिया हिस्सा. आश्रम प्रबंधन की ओर से रवींद्र बाबा के संचालन में हजारों श्रद्धालुओं के लिए भंडारा की व्यवस्था की गयी थी. भंडारा के लिए श्रद्धालु दिनभर आते रहे और प्रसाद पाते रहे. इसी तरह खलीफाबाग चौक पर भी श्रद्धालुओं की ओर से भंडारा का आयोजन हुआ. इसमें में श्रद्धालुओं ने दिन भर प्रसाद पाया.
अंगिका विभाग में मनी जयंती
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय अंतर्गत स्नातकोत्तर अंगिका विभाग में महर्षि मेंहीं की जयंती मनायी गयी. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो मधुसूदन झा ने की. प्रो बहादुर मिश्र ने महर्षि मेंहीं महाराज के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला. प्रो परशुराम राय ने महर्षि मेंहीं को मार्गदर्शक कहा. कार्यक्रम में सचिन कुमार गुप्ता, नीलू कुमारी, गौतम यादव, शोभा कुमारी, अनिल कुमार, ध्रुव कुमार आदि उपस्थित थे.
महर्षि मेंहीं की जयंती मनी
अखिल भारतीय अंगिका साहित्य कला मंच की ओर से शुक्रवार को संतनगर हनुमान घाट स्थित उपासना कांवरिया सेवा आचरण विद्यालय परिसर में महर्षि मेंहीं की जयंती मनायी गयी. कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलगीतकार आमोद कुमार मिश्र ने की. इसी दौरान संत छोटेलाल बाबा द्वारा रचित पुस्तक महर्षि मेंहीं गीतांजलि का लोकार्पण डॉ मधुसूदन झा ने किया. कार्यक्रम में अध्यक्ष डॉ मधुसूदन झा, मंच के राष्ट्रीय महामंत्री हीरा प्रसाद हरेंद्र, संयोजक संत छोटेलाल बाबा, सुरेश, दिनेश तपन, शशि कुमार माथुर, डॉ ब्रह्मदेव ब्रह्म शामिल हुए.
विभिन्न जिलों में प्रभातफेरी, पुष्पांजलि, सत्संग व प्रवचन का हुआ आयोजन
कुप्पाघाट स्थित महर्षि मेंहीं आश्रम में दूसरे प्रांतों समेत विभिन्न जिलों के हजारों श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

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