जयकिशन हत्याकांड. पुलिस ने जेल में बंद हर्ष उर्फ बबन और पप्पू सोनार से की पूछताछ
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बबन की बीमारी से बढ़ी पुलिस की उलझन
जयकिशन हत्याकांड. पुलिस ने जेल में बंद हर्ष उर्फ बबन और पप्पू सोनार से की पूछताछ जयकिशन हत्याकांड को लेकर मंगलवार को पुलिस ने बबन और पप्पू सोनार से पूछताछ की. इधर अब बबन के ऑरगेनिक ब्रेन िडसऑर्डर से पीिड़त होने बात बात सामने आ रही है. भागलपुर : जयकिशन हत्याकांड में जेल में बंद […]
जयकिशन हत्याकांड को लेकर मंगलवार को पुलिस ने बबन और पप्पू सोनार से पूछताछ की. इधर अब बबन के ऑरगेनिक ब्रेन िडसऑर्डर से पीिड़त होने बात बात सामने आ रही है.
भागलपुर : जयकिशन हत्याकांड में जेल में बंद हर्ष उर्फ बबन से पुलिस ने मंगलवार को जेल में पूछताछ की. पप्पू सोनार से भी पूछताछ की गयी. पप्पू ने तो सोमवार को ही जयकिशन हत्याकांड में शामिल होने से इंकार कर दिया था. सूत्रों की मानें तो बबन ने भी उस बयान को सच मानने से इंकार कर दिया जो उसने पुलिस के समक्ष जेल जाने से पहले दिया था.
बबन के परिजनों ने यह कहकर पुलिस की उलझन को और बढ़ा दिया है कि बबन बचपन से ही ऑरगेनिक ब्रेन डिसऑर्डर बीमारी से ग्रसित है. इस बीमारी से पीड़ित की मेमोरी बहुत कमजोर होती है और यहां तक कि वह अपने राेजाना के काम भी ठीक से नहीं कर सकता. उसे भाषा समझने में भी दिक्कत होती है
और वह ठीक से पढ़ लिख भी नहीं सकता. बबन के परिजनों का कहना है कि हत्याकांड वाले दिन बबन अपने घर पर ही था. बबन का मेडिकल सर्टिफिकेट लेकर उसके परिजन वरीय पुलिस अधिकारी से मिलने की तैयारी में हैं. सूत्रों की मानें तो बबन के बयान की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गयी है.
कोलकाता में चला इलाज, भागलपुर में भी हुआ एडमिट. बबन के मामा नितेश कोलकाता में डॉक्टर हैं. उन्होंने कहा कि हर्ष का इलाज कोलकाता में भी हुआ. उसे रेगुलर दवाई दी जा रही थी. घर पर दवाई के आेवरडोज से बीमार होने पर हर्ष को दो बार मायागंज स्थित जेएलएनएमसीएच में भरती भी कराया गया.
बहन मेडिकल की तैयारी तो नहीं कर रही, फिर उसने ऐसा क्यों कहा. बबन की बीमारी का पता इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उसने पुलिस को दिये बयान में कहा है कि उसकी बहन पटना में मेडिकल की तैयारी कर रही है जबकि बबन के पिता का कहना है कि बबन की बहन पटना से बीबीए कर रही है. बबन के परिजनों का यह भी कहना है कि वह दो पेज लगातार न तो लिख सकता है और न ही पढ़ सकता है.
क्यों पेचीदा हो रहा मामला, कौन किसको बचा रहा ?. यह भी पता चला है कि जयकिशन शर्मा का बेटा सूरज एक कीमती जमीन में बिचौलिया बनने की कोशिश कर रहा था जिस पर किसी बड़े बिल्डर की नजर थी. सूरज का कहना है कि उसने छेदी शर्मा से चुनिहारी टोला स्थित उस कीमती जमीन को लेकर बात की थी और कहा था कि कोई बड़ी पार्टी मिलेगी तो वह जमीन को बेचने में मदद करेगा. हालांकि बाद में उसपर चर्चा नहीं हुई.
जयकिशन शर्मा की हत्या के बाद एएसपी वीणा कुमारी ने अनुसंधान रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें कोतवाली थानाध्यक्ष कन्हैया लाल द्वारा अनुसंधान की चर्चा थी. घटनास्थल के आस-पास विभिन्न टेलिकॉम कंपनी के मोबाइल टावर को डंप किये जाने के बाद कई संदिग्ध मोबाइल नंबर की चर्चा भी अनुसंधान रिपोर्ट में की गयी. पर उस बिंदु पर जांच को तवज्जो नहीं दी गयी.
पप्पू सोनार हत्याकांड में शामिल होने से इंकार कर चुका है
हर्ष के परिजनों ने कहा, ऑरगेनिक ब्रेन डिसऑर्डर का शिकार है बबन
हर्ष के परिजनों का कहना है कि वह ठीक से पढ़ भी नहीं सकता, पुलिस ने दबाव में लिया बयान
पप्पू अगर हत्याकांड में शामिल नहीं है तो बबन का पुलिस को दिया बयान झूठा
आखिर किसको बचाने के लिए हो रही इस तरह की बातें, उठ रहे सवाल
बबन की बात पर कैसे भरोसा किया जा सकता है ?
पुलिस ने आनन-फानन में हर्ष उर्फ बबन के बयान को सही मान उसे जेल भेज दिया और पप्पू सोनार के भी हत्याकांड में शामिल होने की बात कह दी. पप्पू सोनार के पिता कागजात के आधार पर यह साबित कर रहे हैं कि जिस दिन जयकिशन की हत्या हुई उस दिन पप्पू दूसरे मामले में जेल में बंद था.
सीसीटीवी फुटेज से भी कहीं यह नहीं लग रहा कि जयकिशन की हत्या करने वालों में पप्पू या बबन शामिल है. ऐसे में सवाल उठता है कि बीमार बबन की पप्पू सोनार के हत्याकांड में शामिल होने की बात झूठ साबित हो जाती है ताे उसकी दूसरी बातों पर कैसे भरोसा किया जा सकता है. पुलिस ने बबन की बीमारी के बारे में क्यों नहीं पता किया और उस एंगल से क्यों नहीं सोचा यह एक सवाल है.
मेरी जानकारी में यह नहीं है कि जयकिशन हत्याकांड में पुलिस ने जिसे गिरफ्तार कर जेल भेजा है वह मानसिक रूप से बीमार है. अगर ऐसा है तो उसके परिजनों को कागजात के साथ आइजी, डीआइजी या एसएसपी से मिलना चाहिए. वह कितना बीमार है और इसके असर से कितना और किस तरह का प्रभाव पड़ सकता है यह अधिकारी पता लगा लेंगे. पुलिस का सच्चाई सामने लाना है, वे निश्चित ही उनकी मदद करेंगे.
पीके ठाकुर, डीजीपी बिहार
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