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शांति बाबा पहाड़ी को टूरिस्ट सर्किट से जोड़ने की होगी अनुशंसा

बीडीओ ने किया निरीक्षण गोपालपुर : गंगा नदी स्थित शांति बाबा पहाड़ी को टूरिस्ट सर्किट से जोड़ने की संभावना के मद्देनजर डीएम के निर्देश पर गोपालपुर की बीडीओ डाॅ रत्ना श्रीवास्तव ने गोपालपुर प्रखंड अंतर्गत गंगा नदी में अवस्थित शांति बाबा पहाड़ के साथ दो अन्य पहाड़ों का निरीक्षण किया. बीडीओ ने बताया कि टूरिस्टों […]

बीडीओ ने किया निरीक्षण

गोपालपुर : गंगा नदी स्थित शांति बाबा पहाड़ी को टूरिस्ट सर्किट से जोड़ने की संभावना के मद्देनजर डीएम के निर्देश पर गोपालपुर की बीडीओ डाॅ रत्ना श्रीवास्तव ने गोपालपुर प्रखंड अंतर्गत गंगा नदी में अवस्थित शांति बाबा पहाड़ के साथ दो अन्य पहाड़ों का निरीक्षण किया. बीडीओ ने बताया कि टूरिस्टों को आकर्षित करने के लिए यहां नौका विहार सहित अन्य सुविधाएं विकसित की जायेंगी. बता दें कि गंगा के उस पार विक्रमशिला विश्वविद्यालय के भग्नावशेष को देखने बड़ी संख्या में देसी-विदेशी पर्यटक व बौद्ध धर्मावलंबी आते हैं.
कहा जाता है कि गंगा में अवस्थित शांति बाबा पहाड़ पर शैव नागा साधु ब्रह्मलीन शांति बाबा ने सैकड़ों वर्ष पूर्व गुफा में तपस्या की थी. वहां विशाल शिव मंदिर की स्थापना की गयी थी. यह स्थान आस्था का केंद्र है. मंदिर में गुरु ग्रंथ साहिब के स्थापित होने के कारण इसे नानकशाही के नाम से भी जाना जाता है. बीडीओ ने बताया कि इसके अलावा गंगा में अवस्थित अन्य दो पहाड़ों की भी जानकारी दी जायेगी. उन्होंने बताया कि गोपालपुर प्रखंड के अन्य पौराणिक व ऐतिहासिक स्थानों के बारे में जानकारी प्राप्त कर टूरिस्ट सर्किट से जोड़ने की अनुशंसा की जायेगी.
दर्जनों गांव व हजारों एकड़ जमीन गंगा में विलीन
न वगछिया अनुमंडल में गंगा के तटवर्ती गांवों को कटाव से बचाने के लिए लगभग दस किलोमीटर लंबा तटबंध व 13 स्पर अलग-अलग वर्षों में केंद्र व राज्य सरकार के जल संसाधन विभाग द्वारा करोड़ों की लागत से बनवाये गये. इसके बावजूद पिछले एक दशक में गंगा के कटाव से कमलाकुंड, बाबू टोला कमलाकुंड, फुलकिया, बोचाही, इमदादपुर, बुद्धूचक, बिंद टोली सहित दर्जनों गांव गंगा के गर्भ मे समा गये. अब तक हजारों एकड़ जमीम भी विलीन हो चुकी है.
गोपालपुर थाना, पीएचसी, सैदपुर, तिनटंगा करारी और इस्माइलपुर प्रखंड कार्यालय पर भी कटाव का खतरा मंडरा रहा है. हालांकि इस वर्ष लगभग 30-35 करोड़ की राशि से कटाव निरोधी कार्य कराये जा रहे हैं, लेकिन समय पर काम पूरा होने की संभावना कम ही दिखती है. पहली बार 2012-13 में कटाव निरोधी कार्य समय पर पूरा हुआ था, लेकिन गंगा के जलस्तर में मामूली वृद्धि होते ही कराया गया काम ताश के पत्ते की तरह बिखर कर गंगा में समा गया था. वर्ष 2007-08 में बाढ़ प्रमंडल नवगछिया द्वारा गोपालपुर के बाबू टोला कमलाकुंड को गंगा नदी के कटाव से बचाने के लिए 86 लाख 38 हजार 103 रुपये से कटाव निरोधी कार्य कराया गय था. लेकिन, गंगा के कटाव में पूरा बाबू टोला कमलाकुंड गांव नदी में समा गया.
न वगछिया अनुमंडल में गंगा के तटवर्ती गांवों को कटाव से बचाने के लिए लगभग दस किलोमीटर लंबा तटबंध व 13 स्पर अलग-अलग वर्षों में केंद्र व राज्य सरकार के जल संसाधन विभाग द्वारा करोड़ों की लागत से बनवाये गये. इसके बावजूद पिछले एक दशक में गंगा के कटाव से कमलाकुंड, बाबू टोला कमलाकुंड, फुलकिया, बोचाही, इमदादपुर, बुद्धूचक, बिंद टोली सहित दर्जनों गांव गंगा के गर्भ मे समा गये. अब तक हजारों एकड़ जमीम भी विलीन हो चुकी है. गोपालपुर थाना, पीएचसी, सैदपुर, तिनटंगा करारी और इस्माइलपुर प्रखंड कार्यालय पर भी कटाव का खतरा मंडरा रहा है. हालांकि इस वर्ष लगभग 30-35 करोड़ की राशि से कटाव निरोधी कार्य कराये जा रहे हैं, लेकिन समय पर काम पूरा होने की संभावना कम ही दिखती है.
पहली बार 2012-13 में कटाव निरोधी कार्य समय पर पूरा हुआ था, लेकिन गंगा के जलस्तर में मामूली वृद्धि होते ही कराया गया काम ताश के पत्ते की तरह बिखर कर गंगा में समा गया था. वर्ष 2007-08 में बाढ़ प्रमंडल नवगछिया द्वारा गोपालपुर के बाबू टोला कमलाकुंड को गंगा नदी के कटाव से बचाने के लिए 86 लाख 38 हजार 103 रुपये से कटाव निरोधी कार्य कराया गय था. लेकिन, गंगा के कटाव में पूरा बाबू टोला कमलाकुंड गांव नदी में समा गया.
कहते हैं मुख्य अभियंता : मुख्य अभियंता धरनीधर प्रसाद ने कहा कि इस्माइलपुर बिंद टोली के बीच कुछ योजनाएं पहले शुरू की गयी थीं, जो अंतिम चरण में हैं. विलंब से शुरू होने वाले कार्यों को हर हाल में 30 मई तक पूरा करने का निर्दैश ठेकेदार को दिया गया है. रात में भी जेनरेटर चला कर काम करने को कहा गया है.
विभिन्न वर्षों में कराये गये काम का हाल
वर्ष लागत परिणाम
2007-08 86,38,103 कार्य पूरा नहीं
2008-09 5,91,92,856 कार्य पूरा नहीं
2009-10 27,24,49,152 काम पूरा नहीं
2011-12 4,53,45, 473 काम पूरा नहीं
10-11 5,97,13, 666 समय पर पूरा नहीं
2012-13 22,0000000 पहली बार पूरा हुआ काम
2013-14 29,56,95,510 समय पर पूरा नहीं
2014-15 10,0000000 समय पर पूरा नहीं
2015-16 लगभग 35,0000000 समय पर पूरा होने की संभावना क्षीण
नोट :- इसके अलावा प्रति वर्ष फ्लड फाइटिंग पर करोड़ों रुपये खर्च किये जाते हैं.

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