जेएलएनएमसीएच के मेडिसिन विभाग में ब्रीद वेल, लिव वेल विषयक संगोष्ठी
Advertisement
इन्हेलर लीजिये ताकि आपसे बंधी रहे सांसों की डोर
जेएलएनएमसीएच के मेडिसिन विभाग में ब्रीद वेल, लिव वेल विषयक संगोष्ठी भागलपुर : अस्थमा लाइलाज बीमारी है. इसके मरीजों को सिर्फ सतर्क, सजग और एहतियात बरतते हुए इन्हेलर लेना चाहिये ताकि सांसों की डाेर आपसे जुड़ी रहे. उक्त बातें डॉ एके सिन्हा ने जवाहरलाल नेहरू मेडिकल काॅलेज एंड हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग में आयोजित संगोष्ठी […]
भागलपुर : अस्थमा लाइलाज बीमारी है. इसके मरीजों को सिर्फ सतर्क, सजग और एहतियात बरतते हुए इन्हेलर लेना चाहिये ताकि सांसों की डाेर आपसे जुड़ी रहे. उक्त बातें डॉ एके सिन्हा ने जवाहरलाल नेहरू मेडिकल काॅलेज एंड हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग में आयोजित संगोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते कहीं.
उन्होंने अस्थमा पर नियंत्रण करने के लिए इन्हेलर लेने पर जोर देते हुए कहा कि इसके मरीजों को धूल, धुआं, प्रदूषण व एलर्जी पैदा करने वाले कारकों से बचना चाहिये. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए चेस्ट एंड मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ डीपी सिंह ने कहा कि अस्थमा को लेकर लोगों में जो भ्रांतियां व जानकारी का अभाव है, उसे दूर करने के लिए चिकित्सकों काे जागरूक करना चाहिये. अस्थमा ठंड के मौसम, तनाव व डिप्रेशन के दौर में ज्यादा बढ़ता है.
अगर मरीज इन्हेलर लेने के तरीके को अच्छी तरह से सीखने के बाद ले, तो इन्हेलर ज्यादा प्रभावी होगा. डॉ सिंह ने कहा कि दवा के मुकाबले इन्हेलर का प्रयोग का साइड इफेक्टर 90 प्रतिशत कम हो जाता है. डॉ डीपी सिंह ने जोर दिया कि विश्व अस्थमा दिवस का आयोजन साल में एक दिन नहीं बल्कि एक माह तक होना चाहिये. सभी फिजिशियन चिकित्सकों को पूरे माह स्पायरोमेट्री के जरिये मरीजों की नि:शुल्क जांच करनी चाहिये.
मौके पर वरिष्ठ चिकित्सक डॉ शांतनु घोष, मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ केडी मंडल, डॉ भरत भूषण, डॉ आरपी जायसवाल, डॉ मनीष कुमार, डॉ अभिलेष कुमार समेत बड़ी संख्या में इंटर्न, जूनियर व सीनियर रेजीडेंट चिकित्सक व एमबीबीएस स्टूडेंट्स मौजूद थे.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement