भागलपुर : साक्षर भारत मिशन के तहत प्रत्येक पंचायत में दो प्रेरक, प्रखंडों में प्रखंड समन्वयक, लेखा समन्वयक तथा जिला स्तर पर मुख्य समन्वयक, कार्यक्रम समन्वयक, लेखा समन्वयक, आइटी समन्वयक वर्ष 2011 से लगातार कार्य कर रहे हैं. इन्होंने मुख्यमंत्री से मानदेय वृद्धि व स्थायीकरण की मांग की है. इनका कहना है कि प्रेरक व समन्वयक को न्यूनतम मजदूरी से भी कम मजदूरी मिल रही है और वह भी ससमय नहीं दिया जा रहा है.
प्रेरक को मात्र दो हजार रुपये प्रतिमाह भुगतान किया जाता है. पंचायत में प्रेरक साक्षरता केंद्र के अलावा जनगणना, पशुगणना आदि कार्यों में काम कर रहे हैं. बिहार सरकार के मद्य निषेध अभियान में साक्षरताकर्मी अहम भूमिका निभा रहे है. इसके तहत दीवार लेखन, कला जत्था के माध्यम से वातावरण निर्माण कर रहे हैं. इसका चयन शिक्षा विभाग के अधीन जन शिक्षा निदेशालय के निर्देश पर हुआ है. वहीं सामानांतर कार्य करने वाले टोला सेवक, तालिमी मरकज सेवक को 10 हजार रुपये मानदेय मिल रहा है.