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कोरेक्स खरीदने की नशेड़ियों में होड़

भागलपुर : एक ओर जहां प्रदेश सरकार की ओर से की गयी पूर्ण शराबबंदी के बाद से शराबियों से परेशान लोगों को सुकून है, वहीं दूसरी ओर शराब की जगह कोरेक्स लेता जा रहा है. शहर के नशेड़ियों में कोरेक्स खरीदने की होड़ है. इन दिनों कोरेक्स की बिक्री के लिए गुमटी व झोपड़ी में […]

भागलपुर : एक ओर जहां प्रदेश सरकार की ओर से की गयी पूर्ण शराबबंदी के बाद से शराबियों से परेशान लोगों को सुकून है, वहीं दूसरी ओर शराब की जगह कोरेक्स लेता जा रहा है. शहर के नशेड़ियों में कोरेक्स खरीदने की होड़ है. इन दिनों कोरेक्स की बिक्री के लिए गुमटी व झोपड़ी में चल रही दुकान एक सुरक्षित ठिकाना बनती जा रही है.

शराबबंदी से पहले एक बार कफ सिरप कोरेक्स व फैंसीड्रिल की बिक्री पर प्रतिबंध लगा था. बाद में यह कहकर प्रतिबंध हटा दिया गया कि इसका गलत इस्तेमाल नहीं हो. इसके लिए दुकानदार सजग रहें.
इन स्थानों पर बिक रहे हैं कोरेक्स :शराबबंदी के बाद नशेड़ियों में कोरेक्स खरीदने की होड़ लगी है. शहर में लहरी टोला दुर्गा मंदिर के समीप, तिलकामांझी चौक, डिक्शन रोड, भीखनपुर दो नंबर गुमटी, परबत्ती आदि क्षेत्रों में गुमटियों व झोपड़ियों में चल रही दुकानों में कोरेक्स बेचे जा रहे हैं. लहेरी टोला एवं डिक्शन रोड के लोगों का कहना है कि जिन गुमटियों से कोरेक्स की बिक्री हो रही है, उसके आसपास मंदिर व अन्य धार्मिक व सार्वजनिक स्थल हैं. ऐसे में यहां आने वाले श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
नाला जाम में बन रहा है सहायक
पहले तो चोरी-छिपे कोरेक्स का इस्तेमाल हो रहा था, शराबबंदी के बाद से इन स्थानाें पर अब तो नशेड़ी कोरेक्स इस्तेमाल करते खुलेआम देखे जा रहे हैं. इतना ही नहीं गुमटियों के आसपास के नाले की सफाई के बाद कोरेक्स की बोतलें मिल रही है. ऐसे में कोरेक्स की बोतलें नाला जाम कर आसपास रहनेवाले लोगों की परेशानी बढ़ा रही हैं.
कोड-वर्ड बोलने पर ही मिलता है कोरेक्स: कोरेक्स खरीदने के लिए कोड-वर्ड का इस्तेमाल करना पड़ता है. नशेड़ियों व दुकानदारों के बीच एक कोड-वर्ड में बातचीत होती है. जो ग्राहक क्लास के नाम से कोरेक्स मांगते हैं, उन्हें ही कोरेक्स दिया जाता है. हां कोरेक्स के लिए दोगुना दाम से अधिक पैसे खर्च करना पड़ रहा है. कोरेक्स का एमआरपी 80 रुपये है, जबकि इसके लिए लोग 180 रुपये तक खर्च कर रहे हैं.

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