13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अंग की धरती पर भगवान महावीर के तीन बार पड़े थे चरण

भागलपुर : अंग की धरती को जैन धर्म के 24वें व अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर के तीन बार चरण पड़ने का सौभाग्य मिला. वह भी वर्षा काल में पड़ने वाला चातुर्मास में, जिन्हें जैन धर्म का पावन महीना माना गया है. यह अंग क्षेत्र का सौभाग्य है. जन-जन को दिया था सत्य-अहिंसा का संदेश चंपापुरी […]

भागलपुर : अंग की धरती को जैन धर्म के 24वें व अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर के तीन बार चरण पड़ने का सौभाग्य मिला. वह भी वर्षा काल में पड़ने वाला चातुर्मास में, जिन्हें जैन धर्म का पावन महीना माना गया है. यह अंग क्षेत्र का सौभाग्य है.

जन-जन को दिया था सत्य-अहिंसा का संदेश
चंपापुरी उस समय भारत के प्राचीन सांस्कृतिक नगरों में एक था. भगवान ऋषभदेव ने जिन जनपदों की रचना की थी, उसमें अंग भी एक था, जिसकी राजधानी चंपा थी. भगवान महावीर ने अपने जीवन काल में तीन बार चंपापुरी में रहकर वर्षा ऋतु में चातुर्मास किया था. इसकी जानकारी देते हुए मुकुटधारी अग्रवाल बताते हैं
कि जैन विद्वान बालभद्र जैन लिखित और भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थ कमेटी, मुंबई द्वारा प्रकाशित ग्रंथ भारत के दिगंबर जैन तीर्थ के द्वितीय भाग में भगवान महावीर के चंपा में आने का उल्लेख है. जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर को कठोर तपस्या के बाद ज्ञान की प्राप्ति हुई और फिर वर्षों तक विभिन्न स्थानों का विहार करते हुए उन्होंने धर्मदर्शना दी.
सभी तीर्थंकरों का हो चुका है आगमन
श्री अग्रवाल ने यह भी बताया कि जैन पुराणों में उल्लेख है कि 12वां पंचकल्याणक इस चंपानगरी में हुआ. साथ ही सभी 24तीर्थंकरों का आगमन इस अंग की धरती पर हो चुका है. वे सही अर्थ में तीर्थंकर थे. तीर्थंकर का अर्थ है : भौतिक अस्तित्व के ऊपर संसार-समुद्र को पार करने के लिए सेतु का काम करनेवाला. आज भी भगवान महावीर के उपदेश उसी तरह शाश्वत हैं, जिस तरह सदियों वर्ष पहले थे.
अंग विहार के समय राजा थे दधिवाहन
श्री अग्रवाल बताते हैं कि उस समय चंपा के राजा दधिवाहन थे. भगवान महावीर ने अपने विहार काल में दु:ख, संत्रास, क्लेश, पीड़ा और ताप से मुक्ति के लिए पांच व्रतों के पालन पर जोर दिया. इसमें सत्य, अहिंसा, अचौर्य, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह व्रत शामिल है. उन्होंने कहा कि संसार में दु:ख का कारण है असीमित,
अपरिमित इच्छा और परिग्रह की कामना. उन्होंने अहिंसा परमो धर्म और जियो और जीने दो का संदेश जन-जन को दिया. दिगंबर जैन सिद्धक्षेत्र के मंत्री सुनील जैन ने बताया कि इस अंग की धरती को तीन वर्षावास का सौभाग्य प्राप्त हुआ. इस धरती की सती चंदनवाला ने भगवान महावीर को आहारदान कराया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें