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सूर्यमहल तालाब विवाद. आनंदपुर में अष्टयाम को लेकर स्थापित की गयी थी प्रतिमा

पुलिस ने िवसर्जन रोका,भड़के ग्रामीण सूर्यमहल तालाब में रविवार को प्रतिमा विसर्जन करने से रोकने पर ग्रामीणों ने विरोध जताया और प्रतिमा विसर्जन करने से इंकार कर दिया. बाद में पुलिस को खुद प्रतिमा का विसर्जन करना पड़ा. गोराडीह : सूर्यमहल तालाब का विवाद रविवार को एक बार फिर गरमा गया. आनंदपुर में रामनवमी के […]

पुलिस ने िवसर्जन रोका,भड़के ग्रामीण

सूर्यमहल तालाब में रविवार को प्रतिमा विसर्जन करने से रोकने पर ग्रामीणों ने विरोध जताया और प्रतिमा विसर्जन करने से इंकार कर दिया. बाद में पुलिस को खुद प्रतिमा का विसर्जन करना पड़ा.
गोराडीह : सूर्यमहल तालाब का विवाद रविवार को एक बार फिर गरमा गया. आनंदपुर में रामनवमी के अवसर पर आयोजित अष्टयाम के लिए स्थापित की गयी प्रतिमा को सूर्यमहल तालाब में विसर्जन करने से लोदीपुर पुलिस ने रोक लगा दी. इससे आनंदपुर के ग्रामीण भड़क गये और प्रतिमा का विसर्जन करने से ही इनकार कर दिया. पुलिस का कहना था कि यहां विसर्जन के लिए लाइसेंस नहीं दिया गया है. लाइसेंस गोहारियो गांव के पास पुरैनिया ताालाब के लिए दिया गया है.
दूसरी ओर ग्रामीणों का कहना था कि जब हमने सूर्यमहल तालाब के लिए लाइसेंस की मांग की थी, तो क्यों नहीं दिया गया.
लोदीपुर के इंस्पेक्टर भाई भरत ने घंटों लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण सूर्यमहल तालाब में ही विसर्जन की बात पर अड़े रहे. विरोध की सूचना पाकर एसडीओ कुमार अनुज,
डीसीएलआर सुबीर रंजन, डीएसपी विधि व्यवस्था राजेश सिंह प्रभाकर सहित अन्य वरीय अधिकारी मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने का प्रयास किया. लेकिन, ग्रामीणों का कहना था कि प्रतिमा विसर्जन करेंगे तो सूर्यमहल तालाब में ही, अन्यथा नहीं. इसी दौरान पुलिस पदाधिकरी की डांट फटकार से गांव का एक रिटायर्ड चौकीदार गिरीश पासवान बेहोश हो गया. परिजनों का कहना था कि गिरीश पासवान को हार्ट की बीमारी है. बेहोश होने के बाद
परिजन उसे भागलपुर ले गये. देर रात तक प्रतिमा विसर्जन नहीं हुआ था. एसडीओ कुमार अनुज, डीसीएलआर सुबीर रंजन, डीएसपी विधि व्यवस्था राजेश सिंह प्रभाकर सहित अन्य पदाधिकारियों ने लोगों को काफी समझाया, लेकिन लोग नहीं मान रहे थे. रात करीब 9:30 बजे पुलिस ने ग्रामीणों ने खदेड़ दिया और प्रतिमा का खुदसे विसर्जन कर दिया.
पुलिस पर ही लगाया विवाद बढ़ाने का आरोप. ग्रामीणों ने सूर्यमहल विवाद के लिए पुलिस को ही जिम्मेदार ठहराया. ग्रामीणों का कहना था कि पुलिस का रवैया हमेशा पक्षपातपूर्ण रहा है. एक ही पक्ष के लोगों को सूर्यमहल तालाब का इस्तेमाल करने से रोका जाता है. विसर्जन का विरोध जब दूसरे पक्ष के लोग नहीं करते, तो पुलिस बेवजह विसर्जन से मना क्यों कर रही है. जब दूसरे पक्ष को तालाब के इस्तेमाल से नहीं रोका जाता है, तो हमारे आयोजन में ही बाधा क्यों डाली जाती है. ग्रामीणों का कहना था कि आनंदपुर गांव में सूर्यमहल ही एकमात्र तालाब है,
जहां ग्रामीणों वर्षों से धार्मिक कार्य करते आ रहे हैं. लेकिन पुलिस ने पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाते हुए हम लोगों को इसके इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी है. अगर हमारे ऊपर पाबंदी लगायी जाती है, तो दूसरे के साथ भी ऐसा ही हो.
पुलिस ने सूर्यमहल का लाइसेंस देने से किया था इनकार. आनंदपुर में प्रतिमा स्थापित करने के बाद ग्रामीणों ने विसर्जन के लिए लोदीपुर पुलिस से लाइसेंस की मांग की थी, तो पुलिस ने सूर्यमहल तालाब का लाइसेंस देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद ग्रामीणों ने बिना लाइसेंस लिये ही सूर्यमहल तालाब प्रतिमा विसर्जन करने का निर्णय लिया. इसके बाद लोदीपुर पुलिस ने गोहारियो स्थित पुरैनिया तालाब के लिये अजय पासवान के नाम से लाईसेंस निर्गत कर दिया
जिसे लेने से ग्रामीणों ने इनकार कर दिया.
छावनी में तब्दील हुआ आनंदपुर. प्रतिमा विसर्जन के दौरान विरोध प्रदर्शन को देखते पुलिस ने आनंदपुर व सूर्यमहल तालाब के आसपास की सुरक्षा कड़ी कर दी है. चप्पे चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती कर दी. एहतियातन महिला पुलिस को भी मंगाया गया था.
कहते हैं थानाध्यक्ष. लोदीपुर इंस्पेक्टर भाई भरत ने कहा कि विवादित होने के कारण अष्टयाम की मूर्ति विसर्जन के लिए सूर्यमहल तालाब का लाइसेंस नहीं दिया गया था. हालांकि इससे पूर्व सरस्वती प्रतिमा के विसर्जन के लिये ग्रामीणों को लाइसेंस दिया गया था.

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