कहलगांव : पिछले तीन दिनों से शाम ढलते ही तेज हवा चलने के कारण गंगा में उठ रही तेज लहर व थपेड़े के डर से कहलगांव कागजी टोला के मछुआरों की डेंगी गंगा में शिकारमाही के लिए नहीं निकल रही है. शाम ढलते ही गंगा में दूर-दूर तक मछुआरे शिकारमाही के लिए निकलते हैं और […]
कहलगांव : पिछले तीन दिनों से शाम ढलते ही तेज हवा चलने के कारण गंगा में उठ रही तेज लहर व थपेड़े के डर से कहलगांव कागजी टोला के मछुआरों की डेंगी गंगा में शिकारमाही के लिए नहीं निकल रही है. शाम ढलते ही गंगा में दूर-दूर तक मछुआरे शिकारमाही के लिए निकलते हैं और तड़के घर वापस लौटते हैं. शिकारमाही नहीं होने से शहर की मछली मंडी में लोकल मछली का अभाव हो गया है. चलानी यानी आंध्र प्रदेश से आने वाली मछलियां ही मंडी में दिख रही हैं.
रोज कमाने-खाने वाले मछुआरे परेशान हैं.
शिकारमाही को जाने वाले कहलगांव कागजी टोला के मछुआरे अशोक सहनी, राजा सहनी, अजय सहनी, विश्वनाथ सहनी, विनोद सहनी, मंटू सहनी, रामप्रकाश सहनी, अजय सहनी, ओम सहनी कहते हैं हवा की बेरुखी अभी दो-चार दिन और रहेगी. मछुआरों की माली हालत अभी कुछ दिन और खराब रहेगी. नदी की तेज लहरों में डेंगी उतारना खतरे से खाली नहीं होता.