भागलपुर: सदर अस्पताल में पैथोलॉजी जांच बंद कर हड़ताल पर बैठे जांच एजेंसी के कर्मचारियों का गुस्सा फूटने लगा है. सोमवार को वेतन भुगतान की मांग को लेकर कर्मचारियों ने डोयन के जिला प्रबंधक मनोज भारती के साथ सिविल सजर्न से मुलाकात की, लेकिन समस्या का कोई हल नहीं निकलने पर कर्मचारियों का गुस्सा फूट पड़ा. डोयन जांच घर में हंगामा करते हुए वे तोड़फोड़ पर उतारू हो गये.
हालांकि जिला प्रबंधक के समझाने पर उन्होंने तोड़फोड़ नहीं की. लेकिन प्रबंधक को ही बंधक बना कर उनके खिलाफ जम कर नारेबाजी की. पिछले एक सप्ताह से सदर अस्पताल सहित जिला के अन्य पीएचसी आदि में जांच सुविधा बंद है. जांच का जिम्मा डोयन नामक आउटसोर्स एजेंसी को दिया गया है. अस्पताल की ओर से बकाया राशि का भुगतान नहीं होने के कारण डोयन ने एक जनवरी से जांच बंद कर दिया है.
इस वजह से कर्मचारियों को वेतन का भी भुगतान नहीं हो रहा है. एजेंसी के कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें पिछले आठ माह से वेतन नहीं मिला है. ऐसे में उनका परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच चुका है. सोमवार को सुबह कर्मचारी अस्पताल पहुंचे तो उनका गुस्सा चरम पर था. उन्होंने वेतन भुगतान को लेकर डोयन के जिला प्रबंधक श्री भारती के साथ सिविल सजर्न डॉ उदय शंकर चौधरी से मुलाकात की. मुलाकात के दौरान डॉ चौधरी ने बताया कि उन्होंने इस मद में आवंटन की मांग की है. डीएम की ओर से भी आवंटन की मांग की गयी है. इसको लेकर बार-बार अनुरोध भी किया जा रहा है. वहां से आवंटन प्राप्त होने के बाद ही वह भुगतान कर पायेंगे.
अब सरकारी एंबुलेंस सेवा भी बंद
जिले के अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा चरमराती जा रही है. बकाया भुगतान नहीं होने के कारण जांच एजेंसी (डोयन) ने अस्पतालों में एक जनवरी से ही पैथोलॉजी जांच बंद कर दी है. इसका खमियाजा गरीब मरीजों को भुगतना पड़ ही रहा था कि अब सरकारी एंबुलेंस सेवा भी ठप हो गयी है. इससे मरीजों की परेशानी बढ़ गयी है. साधन व संपन्न मरीज तो निजी अस्पतालों में इलाज करा लेते हैं, लेकिन गरीब मरीज, जिनको सरकारी अस्पताल का ही भरोसा रहता है, की परेशानी काफी बढ़ गयी है. जांच के लिए पिछले छह दिन से भटक रहे मरीजों की सुधि लेनेवाला कोई नहीं है. अस्पताल के साथ-साथ जिला प्रशासन भी मौन है. जनप्रतिनिधि भी समस्या के समाधान की दिशा में कोई पहल नहीं कर रहे हैं.