भागलपुर: सदर अस्पताल सहित जिले के सभी प्रखंडों के सरकारी अस्पतालों में बुधवार से ही पैथोलॉजी जांच बंद है. इसका खामियाजा मरीजों को उठाना पड़ रहा है. दूर-दराज एवं दूसरे जिलों से मरीज बड़ी आस लिये यहां इलाज कराने आये, लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण उन्हें मायूसी ही हाथ लगी.
इसकी जानकारी पूर्व से ही संबंधित एजेंसी द्वारा सिविल सजर्न को दी जाती रही है बावजूद इसके यह हाल है. हालांकि सिविल सजर्न का कहना है कि उन्होंने भी वरिष्ठ अधिकारियों को कई बार इसकी सूचना दी है. ऐसे में सवाल यह है कि मरीजों की सुविधा के बीच में कौन रोड़ा बन कर सामने आ रहा है.
कहते हैं मरीज
विनय कुमार सिंह, सन्हौली, मुंगेर को पेशाब में खून आने की शिकायत है. बड़े ही आस से यहां आये थे कि यहां इलाज हो जायेगा, लेकिन जांच घर बंद है. ऐसे में टीसी, डीसी, एचबी, सुगर, क्रीटनिंग, यूरिन, आरइ कल्चर जांच कराने में प्राइवेट में पांच सौ रुपये खर्च हो जायेंगे, उतने पैसे मेरे पास नहीं हैं. मीरा देवी, कंपनीबाग की सीने में काफी दर्द है. चिकित्सक ने जांच व एक्सरे लिखा है, लेकिन सरकारी जांच घर बंद है. जांच घर वाले तीन सौ रुपये बाहर में मांग रहे हैं.
यहां आये थे कि सरकारी जांच फ्री में हो जायेगा पर नहीं हो रहा है. शीला देवी, उधाडीह, सुलतानगंज के हाथ में दर्द रहता है. चिकित्सकों ने बताया कि शरीर में खून की कमी है. एचबी सहित अन्य जांच लिखा है. यह जांच यहां नहीं हो रही है और हमारे पास अधिक पैसे नहीं हैं. बीबी शाहिन, हस्नाबाद के गले में सूजन है. डॉक्टर ने थायराइड जांच कराने को कहा है. यहां जांच ही नहीं हो रही है. लीला देवी, मसकंद ने कहा कि मेरे पास उतने पैसे नहीं हैं कि प्राइवेट में जांच करा पायें. जब यह सुविधा होगी तभी जांच करायेंगे. गुड़िया, मीराचक ने कहा कि डॉक्टर साहब कहला छैय कि जल्दी से जांच करावैल. ऐकरो बाद दवाय लिखतैय. ढ़ेरी जांच लिखल छैय, लेकिन यहां सरकारी में नैय करी रहलो छैय.