भागलपुर : अगर आपने गोल तय कर लिया है तो किसी भी परिस्थिति में सभी परेशानियों के बीच से रास्ता जरूर निकलेगा. चैलेंज सामने आये तो आपकी क्षमता अपने चरम पर पहुंचती है. अपनी कैपेसिटी को पहचानना और उसके सही इस्तेमाल से सफलता जरूर मिलती है. अपने काम में अच्छा रिजल्ट देने के लिए शरीर […]
भागलपुर : अगर आपने गोल तय कर लिया है तो किसी भी परिस्थिति में सभी परेशानियों के बीच से रास्ता जरूर निकलेगा. चैलेंज सामने आये तो आपकी क्षमता अपने चरम पर पहुंचती है. अपनी कैपेसिटी को पहचानना और उसके सही इस्तेमाल से सफलता जरूर मिलती है. अपने काम में अच्छा रिजल्ट देने के लिए शरीर का स्वस्थ रखना बेहद जरूरी है. भागलपुर के एसएसपी विवेक कुमार ने प्रभात खबर कर्मियों से मिलने दौरान अपनी बातचीत में ये बातें कहीं.
सफलता का टिप्स देते हुए उन्होंने कई अनुभव शेयर किये. उन्होंने मेहनत और लगन का एक उदाहरण देते हुए कहा कि वे एक शख्स को जानते हैं जिन्होंने खोमचे पर बरतन धोए पर आज वे चेन्नई में इनकम टैक्स के बड़े अधिकारी हैं. वे शनिवार की शाम प्रभात खबर के दफ्तर विशेष आमंत्रण पर आये थे.
परेशानियां आयीं पर लक्ष्य के प्रति अडिग रहे. एसएसपी विवेक कुमार ने अपनी निजी जिदंगी का अनुभव शेयर करते हुए बताया कि वे उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले हैं. वे 10वीं में टॉपर थे. इंटर के बाद उनका आइआइटी रुड़की में सेलेक्शन हो गया और उन्होंने वहां से सिविल में बीटेक किया. दो साल बाद उनके छोटे भाई का भी सेलेक्शन वहीं हुआ. उन्होंने इस क्रम में हुई परेशानियों के बारे में भी बताया. उन्होंने बताया कि सिविल सर्विसेज में जाने की इच्छा थी. सन 2000 में सिलेबस चेंज हुआ और इंजीनियरिंग बैकग्राउंड वाले अभ्यर्थियों के लिए परेशानी शुरू हो गयी.
फिजिक्स और सिविल इंजीनियरिंग से तैयारी करनेवाले विवेक कुमार ने ज्योगरफी और पब्लिक एडमिनस्ट्रेशन जैसे विषय को चुना. उनका सेलेक्शन आइआरएस के लिए हुआ. उसके बाद आइपीएस में सेलेक्शन हो गया. पुलिस सर्विस की एक चुनौती थी जिसे उन्होंने स्वीकार किया और आराम वाली नौकरी छोड़ दी. आइआरएस में सेलेक्शन से पहले भी उन्होंने कई जॉब छोड़ी थी. उन्होंने कहा कि हर समय पैरेंट्स का पूरा साथ सहयोग मिला.
छोटे भाई की शादी में शामिल नहीं हो सके थे. एसएसपी विवेक कुमार ने कहा कि बड़े पद पर रहते हुए जिम्मेवारियां भी बड़ी होती हैं. उन्होंने कहा कि वे सीवान के एसपी थे तब उनके छोटे भाई की शादी तय हुई पर इलेक्शन एनाउंस हो जाने की वजह से उन्हें छुट्टी नहीं मिली और शादी में शामिल नहीं हो पाये. उन्होंने कहा कि वे कभी भी रात दो बजे से पहले नहीं सो पाते लेकिन पुलिस को जब सफलता मिलती है तो संतुष्टि मिलती है. इससे सारी परेशानी और तनाव खत्म हो जाता है. उन्होंने अखबार की नौकरी को भी चुनौतीपूर्ण करार दिया और कहा कि इस तरह के जॉब में हों तो जरूरी है कि शरीर को फिट रखा जाये और तनाव नहीं आने दिया जाये. उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी होने के नाते उनके सामने कई बार चुनौती आयी पर उस समय शांत दिमाग और धैर्य ने परिस्थिति को कंट्रोल में लाने में काफी मदद की.
ताकि रुके बाइक चोरी
पिछले साल सबसे ज्यादा कोतवाली से बाइक चोरी
पिछले साल शहर में कोतवाली में ही बाइक चोरी की घटना हुई थी. कोतवाली थाना क्षेत्र से पिछले साल सौ से ज्यादा बाइक की चोरी हुई थी. हालांकि इसमें कुछ वैसी भी बाइक चोरी की रिपोर्ट दर्ज करायी गयी जो स्टेशन परिसर से चोरी हुई. उसके बाद आदमपुर और तिलकामांझी में बाइक चोरी की घटना हुई जहां 60-70 बाइक की चोरी पिछले साल हुई. बरारी में भी पिछले साल 40 से ज्यादा बाइक चोरी की घटना हुई.