फोरेंसिक टीम ने लिया खून का नमूना
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छात्रा हत्याकांड. हत्यारे की नहीं हो पायी गिरफ्तारी, पुलिस कर रही छापेमारी
फोरेंसिक टीम ने लिया खून का नमूना अकबरनगर थाना क्षेत्र के ईं चिचरौन गांव के गंगटा बहियार में 12 वर्षीय आठवीं की छात्रा की हत्या करने वाले की गिरफ्तारी नहीं हो पायी है. छात्रा के पिता के बयान पर थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया […]
अकबरनगर थाना क्षेत्र के ईं चिचरौन गांव के गंगटा बहियार में 12 वर्षीय आठवीं की छात्रा की हत्या करने वाले की गिरफ्तारी नहीं हो पायी है. छात्रा के पिता के बयान पर थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया गया है.
अकबरनगर : पुलिस घटना की छानबीन कर रही है. खोजी कुत्ते की मदद से अपराधी तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है. घटना स्थल पर रविवार को फोरेंसिक टीम ने पहुंच कर वहां बिखरे खून का नमूना एकत्रित किया . गेहूं के खेत में कई पैर के भी निशान मिले हैं. पुलिस ने मृतका के परिजनों व ग्रामीणों से पूछताछ की. जांच रिपोर्ट आने का भी पुलिस इंतजार कर रही है. दुष्कर्म होने की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही होगी.
अंचल इंस्पेक्टर ललन शर्मा ने बताया कि गांव व बहियार में पुलिस कैंप कर रही है. शनिवार को घटना के बाद ग्रामीण काफी आक्रोशित थे. देर रात एसडीओ कुमार अनुज, विधि व्यवस्था डीएसपी राजेश सिंह प्रभाकर, शाहकुंड, सजौर, बाथ, सुलतानगंज, नाथनगर, महिला थाना से अतिरिक्त पुलिस पहुंची. देर रात करीब 1:30 बजे एसडीओ ने ग्रामीणों को समझा-बुझा कर शांत कराया. ग्रामीण आरोपी को गिरफ्तार करने,
मृतक के परिजनों को 10 लाख का मुआवजा देने तक शव नहीं उठाने देने पर अड़े थे.
नहीं था किसी से विवाद, क्यों मार दिया मेरी बेटी को : मृतका के पिता ने कहा हमारा किसी से कोई विवाद नहीं है. मजदूरी कर घर-परिवार चलाते हैं. आखिर क्यों मेरी बेटी को मार डाला. मां का रो-रोकर बुरा हाल है. माता-पिता कहते हैं बेटी काफी होनहार थी. पढाई के साथ वह हर काम में हाथ बंटाती थी.
असामाजिक तत्व से परेशान हैं गांव की महिलाएं : छात्रा की हत्या के बाद मोतीचक गांव की महिलाएं डरी-सहमी हैं. डर से वे लोग रविवार को काम करने बहियार नहीं गयीं. ज्यादातर घरों में शौचालय नहीं है. शौच के लिए सभी बाहर जाती हैं. इस घटना के बाद से महिलाओं को घर से बाहर निकलने में डर लग रहा है. महिलाओं ने बताया कि पूर्व में भी कई बार छेड़खानी की घटना घट चुकी है. लोक-लाज के कारण महिलाएं चुप रह जाती हैं. जब तक प्रशासन सुरक्षा नहीं देता, हम लोग काम करने नहीं जायेंगे. एसडीओ कुमार अनुज को अपनी पीड़ा सुनाते हुए महिलाओं ने कहा कि हुजूर शौच के लिए घर से बाहर जाना पड़ता है. एसडीओ ने बीडीओ को निर्देश देते हुए कहा कि एक सप्ताह में शविर लगा कर सभी घरों में शौचालय निर्माण की पहल करें.
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