बचे हुए तालाब को भर रहा नगर निगम
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जल संकट से उबरने को ले रहे उलटा निर्णय
बचे हुए तालाब को भर रहा नगर निगम तालाबों की खुदाई और बचे तालाब का हो जीर्णोद्धार, तो मिल सकता है जल संकट से निजात भागलपुर : क तरफ जल संकट की समस्या से उबर पाना नगर निगम के लिए टेढ़ी खीर बनता जा रहा है. दूसरी ओर निगम शहर के तालाबों को भर रहा […]
तालाबों की खुदाई और बचे तालाब का हो जीर्णोद्धार, तो मिल सकता है जल संकट से निजात
भागलपुर : क तरफ जल संकट की समस्या से उबर पाना नगर निगम के लिए टेढ़ी खीर बनता जा रहा है. दूसरी ओर निगम शहर के तालाबों को भर रहा है. विशेषज्ञ बताते हैं कि भूगर्भिक जलस्तर को गिरने से बचाने के लिए तालाबों की अहम भूमिका होती है. बावजूद इसके शहर में वर्षों से तालाब भरते गये और निगम व जिला प्रशासन सोता रहा. सेटेलाइट से ली गयी तसवीर पर किये गये अध्ययन के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 1990 से 2006 तक शहर के 43 तालाब भर गये. इसमें बात का खुलासा नहीं हुआ है कि उन तालाबों में कितने सरकारी थे और कितने निजी.
संस्कृत महाविद्यालय के सामने एक बड़ा तालाब है. इसमें वर्षों से नगर निगम द्वारा शहर से उठाये गये कूड़े-कचरे गिराये जा रहे हैं. अब तालाब अपना पुराना अस्तित्व खोकर बहुत छोटा हो चुका है. इसी तरह तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के अधीनस्थ भैरवा तालाब भी कूड़े-कचरे गिराये जाने के कारण भरते जा रहे हैं. भैरवा तालाब का जिला प्रशासन के स्तर से जीर्णोद्धार करने की योजना बनी थी. लेकिन यह क्रियान्वित नहीं हो सकी.
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