भागलपुर : स्वास्थ्य केंद्रों से अक्सर गायब रहनेवाले डॉक्टर्स और कर्मचारियों पर नकेल कसने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस लिया है. चिकित्सक व कर्मी अपनी तैनाती स्थल पर अगर औचक निरीक्षण में गायब पाये जाते हैं तो इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. यह कार्रवाई इनका वेतन काटे जाने से लेकर बरखास्तगी तक हो सकती है. स्वास्थ्य विभाग, बिहार के प्रधान सचिव ने जेएलएनएमसीएच के प्राचार्य, अधीक्षक व भागलपुर के सीएमओ को पत्र लिखा है.
पत्र में कहा गया है कि मरीजों को गुणात्मक एवं सुगम स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैय्या कराने के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर तैनात डाक्टरों एवं चिकित्साकर्मियों की उपस्थिति जरूरी है. लेकिन इन संस्थानों पर तैनात डाक्टर एवं कर्मचारी अक्सर गायब रहते हैं. प्रधान सचिव ने निर्देश दिया कि वे अपने स्तर से औचक निरीक्षण करते रहें.
अगर कोई चिकित्सक एवं कर्मचारी पहली बार गायब होता है तो उसका वेतन काटा जाये. दूसरी बार पकड़े जाने पर निलंबित कर दिया जाये. अगर वह लगातार तीसरी पर ड्यूटी से गायब रहना पाया जाता है तो उसकी रिपोर्ट करें. उसके खिलाफ बिहार सरकारी सेवक(वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली 2005 के तहत वृहद दंड अनुशासनिक प्राधिकार द्वारा दंड का प्राविधान किया जायेगा. इस दंड के तहत लापरवाह चिकित्सक या कर्मचारी बरखास्त तक हो सकते हैं.