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अब स्टूडेंट्स को नो प्रॉब्लम
यूजीसी ने देश भर के कुलपतियों को दिया निर्देश कई कॉलेजों में सेंटर हैं, पर नहीं होता कोई काम भागलपुर : स्टूडेंट्स पर काेई प्रेशर नहीं रहे इसके लिए यूजीसी ने स्टूडेंट्स के हितों को ध्यान में रखते हुए नयी पहल शुरू की है. देश की सभी यूनिवर्सिटी व कॉलेजों में स्टूडेंट्स काउंसेलिंग सिस्टम डेवलप […]
यूजीसी ने देश भर के कुलपतियों को दिया निर्देश
कई कॉलेजों में सेंटर हैं, पर नहीं होता कोई काम
भागलपुर : स्टूडेंट्स पर काेई प्रेशर नहीं रहे इसके लिए यूजीसी ने स्टूडेंट्स के हितों को ध्यान में रखते हुए नयी पहल शुरू की है. देश की सभी यूनिवर्सिटी व कॉलेजों में स्टूडेंट्स काउंसेलिंग सिस्टम डेवलप करने को कहा गया है. यूनिवर्सिटी के कुलपतियों को यूजीसी सचिव प्रो जसपाल एस संधू की ओर से जारी पत्र में छात्रों की समस्या व चुनौतियों से निपटने के लिए स्टूडेंट्स काउंसेलिंग सिस्टम बनाने को कहा है.
यह रैगिंग, घबराहट, तनाव, फेल होने का डर व होम सिकनेस जैसे मुद्दों पर काम करेगी. इसके लिए शिक्षण संस्थानों में स्टूडेंट्स काउंसेलिंग सेंटर बनाने को कहा गया है. यूजीसी का यह आदेश हैदराबाद यूनिवर्सिटी के दलित रिसर्च स्कॉलर रोहित वेमुला की आत्महत्या के बाद आया है. इस केस के बाद देशभर में यूजीसी व शिक्षा मंत्रालय के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. यूजीसी के सेक्रेटरी जसपाल सिंह संधू ने ‘स्टूडेंट काउंसेलिंग सिस्टम’ बनाने का निर्देश दिया है.
सबके बीच दूरी होगी कम : यूजीसी ने कहा है कि पढ़ाई व उसके बाद अच्छी नौकरी पाने का दवाब यूनिवर्सिटी में आने के बाद और भी बढ़ जाता है और यहीं से स्टूडेंट्स में डिप्रेशन का दौर भी शुरू हो जाता है. कई कमजोर स्टूडेंट्स शिक्षण संस्थानों की कई पॉलिसी से डर जाते हैं.
समय रहते उनको सही माहौल व काउंसेलिंग न मिले, तो वे आत्महत्या जैसा कदम तक उठा लेते हैं. इसी दिशा में यूजीसी ने ‘स्टूडेंट काउंसेलिंग सिस्टम’ खोलने की पहल की है. इससे टीचर, स्टूडेंट्स व पैरेंट्स के बीच की दूरी कम होगी. छात्र भी दिल खोलकर अपनी बात रख सकेंगे और अपनी समस्या भी बता सकेंगे. उल्लेखनीय है कि काउंसेलिंग सेंटर कई कॉलेजों में पहले से स्थापित तो है, उनमें कोई काम होता.
इस सेंटर का काम सिर्फ रैगिंग रोकने तक ही सीमित नहीं रहेगा, स्टूडेंट्स को सही मार्गदर्शन देने का काम भी करेगा. शिक्षकों को भी काउंसलर की भूमिका अदा करने को कहा गया है. वे पैरेंट्स से बातचीत करेंगे. जिस हॉस्टल में छात्र रहता है, वहां से उसकी पर्सनल डिटेल, एकेडमिक रिकॉर्ड और व्यवहार की जानकारी लेंगे.
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