इस मामले को लेकर हाइकोर्ट में तीनों शिक्षकों ने तीन रिट याचिका दायर की थी. डॉ सक्सेना ने वर्ष 2012 में, तो डॉ दास व डॉ पंडित ने वर्ष 2013 में रिट याचिका दायर की. इन तीनों मामले में हाइकोर्ट ने निगरानी को टीम गठित कर जांच कराने का आदेश दिया. निगरानी की टीम शिक्षकों के आवेदन, पेंशन भुगतान के नियम, नियम के अनुसार भुगतान संबंधी कागजात और शिक्षकों के आरोप की सत्यता आदि का मिलान कर हाइकोर्ट को रिपोर्ट सौंपेगी. जांच टीम में निगरानी विभाग के डीएसपी अमरीश कुमार सिंह व इंस्पेक्टर रवि रंजन पांडेय के अलावा लेखा से संबंधित एक अधिकारी शामिल थे.
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पटना में तैयार होगी टीएमबीयू की रिपोर्ट
भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में पेंशन भुगतान में गड़बड़ी के आरोप की जांच दो दिनों से विजिलेंस की टीम कर रही है. शुक्रवार को भी टीम के सदस्यों ने विवि से कागजात जुटाये और अपने कब्जे में लिये. विजिलेंस सूत्रों की मानें, तो कागजात का अध्ययन और रिपोर्ट तैयार करने का काम पटना में होगा. […]
भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में पेंशन भुगतान में गड़बड़ी के आरोप की जांच दो दिनों से विजिलेंस की टीम कर रही है. शुक्रवार को भी टीम के सदस्यों ने विवि से कागजात जुटाये और अपने कब्जे में लिये. विजिलेंस सूत्रों की मानें, तो कागजात का अध्ययन और रिपोर्ट तैयार करने का काम पटना में होगा. इसके बाद हाइकोर्ट को रिपोर्ट सौंप दी जायेगी. पेंशन भुगतान से असंतुष्ट सेवानिवृत्त शिक्षक ने विश्वविद्यालय को आवेदन दिया था. किसी शिक्षक का कहना था कि उन्हें कम राशि का भुगतान किया गया है. किसी का कहना था कि पे फिक्सेशन में गड़बड़ी हुई है.
शिक्षकों की मांग पर विश्वविद्यालय ने अनसुना कर दिया, तो शिक्षकों ने हाइकोर्ट की शरण ले ली. इनमें टीएनबी लॉ कॉलेज की सेवानिवृत्त प्राचार्य डॉ किरण सक्सेना, पीजी इकोनॉमिक्स विभाग के शिक्षक डॉ परशुराम दास व डॉ नारायण पंडित शामिल थे.
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