भागलपुर से रेंजर अधिकारी के पहुंचने के पहले ही कहा जा रहा है कि मृत डॉल्फिन को कुत्ता खा गया. अब सवाल यह उठता है कि जब सुलतानगंज से लेकर कहलगांव तक डॉल्फिन अभ्यारण्य स्थल घोषित किया गया है तो फिर वन पदाधिकारी को कहलगांव से सूचना क्यों नहीं मिली. क्या कहलगांव या अन्य जगहों पर विभाग का कोई आदमी नहीं है. जब कोई आदमी नहीं है तो फिर डॉल्फिन अभ्यारण्य की सुरक्षा कैसे की जाती है.
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अधिकारी के पहुंचने से पहले मृत डॉल्फिन को खा गया कुत्ता
भागलपुर : कहलगांव के राज घाट पर मृत डॉल्फिन की सूचना मिलने पर जिला वन पदाधिकारी ने मामले की जांच के लिए भागलपुर से रेंजर अधिकारी बीके सिंह को भेजा था. भागलपुर से रेंजर अधिकारी के पहुंचने के पहले ही मृत डॉल्फिन को कुत्ता खा गया था. वैसे जिला वन पदाधिकारी संजय कुमार सिन्हा का […]
भागलपुर : कहलगांव के राज घाट पर मृत डॉल्फिन की सूचना मिलने पर जिला वन पदाधिकारी ने मामले की जांच के लिए भागलपुर से रेंजर अधिकारी बीके सिंह को भेजा था. भागलपुर से रेंजर अधिकारी के पहुंचने के पहले ही मृत डॉल्फिन को कुत्ता खा गया था. वैसे जिला वन पदाधिकारी संजय कुमार सिन्हा का कहना है कि डॉल्फिन की मौत कैसे हुई, इसकी पूरी रिपोर्ट बनायी जायेगी. बता दें कि कहलगांव की राज घाट पर शुक्रवार को मृत डॉल्फिन पाया गया था, जिसे प्रभात खबर ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था.
मृत डॉल्फिन का पोस्टमार्टम नहीं होने पर उठ रहे कई सवाल
कहलगांव की राज घाट पर मिली मृत डॉल्फिन के बारे में जिला वन पदाधिकारी संजय कुमार सिन्हा को नहीं मिल पायी. जब प्रभात खबर संवाददाता ने इस बात की जानकारी दी तो उन्होंने कहा कि जानकारी लेते हैं, लेकिन अंतत: सूचना नहीं मिली. बाद में शनिवार को खबर छपने पर रेंजर अधिकारी को डॉल्फिन की मौत किस परिस्थिति में हुई, इसकी जांच के लिए कहलगांव भेजा गया.
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