18.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

युवाओं को बहरा बना रहा बाइकिंग क्रेज

युवाओं को बहरा बना रहा बाइकिंग क्रेजफोटो : सिटी में बाइक फोल्डर में लोगोसंवाददाता, भागलपुरअगर आप स्पीड एवं तेज आवाज वाली बाइकिंग का शौक पाले हुए हैं, तो आपके लिए एक बुरी खबर है. बाइकिंग के दौरान मोटरसाइकिलों की तेज आवाज के कारण युवाओं में बहरेपन की समस्या आ रही है. धुएं के लगातार संपर्क […]

युवाओं को बहरा बना रहा बाइकिंग क्रेजफोटो : सिटी में बाइक फोल्डर में लोगोसंवाददाता, भागलपुरअगर आप स्पीड एवं तेज आवाज वाली बाइकिंग का शौक पाले हुए हैं, तो आपके लिए एक बुरी खबर है. बाइकिंग के दौरान मोटरसाइकिलों की तेज आवाज के कारण युवाओं में बहरेपन की समस्या आ रही है. धुएं के लगातार संपर्क में रहने के कारण उनमें सांस संबंधी समस्या तेजी से पनप रही है. इसके अलावा उन्हें अन्य प्रकार की समस्याओं से भी रूबरू होना पड़ रहा है. आजकल ज्यादातर युवा तेज आवाज पाने के चक्कर में अपनी बाइक को मॉडिफाई करवाकर, साइलेंसर और उसका कवर हटवा देते हैं. ऐसी बाइक को चलाने पर ध्वनि प्रदूषण का लेवल ही नहीं बढ़ता, बाइक धुंआ भी ज्यादा देने लगती है. इसमें बड़ी मात्रा में मोनोऑक्साइड होती है. चूंकि इंसानी कानों के लिए अधिकतम 80 डेसिबल तक की ही आवाज ठीक है. जबकि इस तरह की बाइक्स 125 या इससे अधिक डेसिबल की ध्वनि उत्पन्न करती है. परिणामस्वरूप बहुत तेज आवाज के करीब रहने से कान के अंदर के सेल (कोशिका) को नुकसान पहुंचता है. इससे सुनने की शक्ति कमजाेर होने लगती है. अमूमन एक युवा रोजाना एक से दो घंटे की बाइकिंग करता ही है, जो उसके श्रवण क्षमता के हिसाब से नुकसानदेह है. ये हैं तेज आवाज व धुंआ वाली बाइक चलाने के साइड इफेक्टबाइक से निकलने वाली तेज आवाज से उपजे ध्वनि प्रदूषण के कारण टिटनेस होता है. यह वह स्थिति है जब कानों में लगातार भिनभिनाने या कुछ गूंजने जैसी आवाज सुनायी देने की आवाज आती रहती है. जबकि असल में आसपास ऐसा कुछ भी हो नहीं रहा होता है. लंबे वक्त तक ये परेशानी बनी रहे, तो इंसान थकान और तनाव का शिकार हो जाता है. लगातार ऐसे शोर में रहने से इंसान ऊंचा सुनने लगता है. अगर समय रहते इसको लेकर सचेत न हुआ जाये, तो इंसान बहरेपन का शिकार भी हो सकता है. शोर के कारण न सुन पाने की समस्या के अलावा और भी कई बीमारियां पनपती है. जैसे नींद न आना, सिरदर्द, बिन वजह थकान और अचानक तेज-धीमी होती दिल की धड़कन. नपुंसक बना सकता है बाइकिंग का शौकडॉक्टर बताते हैं कि तेज आवाज में रहने पर शरीर में कार्टीसॉल, एडरेलिन और नोराएडरेनिल हॉर्मोन का लेवल बढ़ जाता है. इस वजह से उच्च रक्तचाप, दिल का दौरा, हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. मोटरसाइकिल चलाने वाले युवाओं में लगातार तनाव में रहने के कारण उनके शरीर में टेस्टॉसटेरोन हार्मोन का लेवल भी तेजी से गिरने लगता है, जिससे उनकी यौन क्षमता पर बुरा असर पड़ता है. इन सबकी वजह तेज आवाज ही होती है. लिहाजा अब तेेज आवाज की बाइक चलाने से पहले सेहत के बारे में युवाओं को सोचना चाहिए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें