भागलपुर : दिल्ली के सूरज नगर आजादपुर के रहनेवाले बिजनेसमैन मनोज कुमार गाेयल ने जीटीएम बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड पर 50 करोड़ फिरौती मांगने का आरोप लगाया है. मनोज कुमार गाेयल ने पत्र द्वारा पुलिस को जानकारी दी है कि उसे भागलपुर से ई-मेल के जरिये पैसे की मांग की गयी है. मेल जीटीएम […]
भागलपुर : दिल्ली के सूरज नगर आजादपुर के रहनेवाले बिजनेसमैन मनोज कुमार गाेयल ने जीटीएम बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड पर 50 करोड़ फिरौती मांगने का आरोप लगाया है. मनोज कुमार गाेयल ने पत्र द्वारा पुलिस को जानकारी दी है कि उसे भागलपुर से ई-मेल के जरिये पैसे की मांग की गयी है.
मेल जीटीएम बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड के भागलपुर ऑफिस की लीगल हेड सविता वशिष्ठ के मेल से आया है. जीटीएम बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा दीपप्रभा टॉकिज के बगल में मॉल का निर्माण कराया जा रहा है. डीजीपी के साथ ही सभी वरीय पुलिस अधिकारियों के पास शिकायत करने के बाद आइजी ने मामले की जांच के लिए एसएसपी को लिखा है. सिटी एसपी ने इस मामले की जांच की जिम्मेवारी सिटी डीएसपी को सौंपी है.
ई-मेल के बाद पत्र लिख पैसे की मांग की
मनोज गोयल ने अपनी शिकायत में लिखा है कि सविता वशिष्ठ द्वारा 25 अगस्त को मेल कर उससे 50 करोड़ रुपये की मांग की गयी. उसने लिखा है कि मेल के बाद 25 अगस्त के ही डेट में जीटीएम बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड के लेटर हेड पर पत्र लिख कर भी उससे 50 करोड़ की मांग की गयी. उसका‑ कहना है कि धमकी वाला पत्र उसने दिल्ली में अपने घर पर चार सितंबर को रिसीव किया. उसने कहा है कि उस पत्र को भागलपुर से भेजा गया है जिसमें प्रेषक में जीटीएम बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड के दिल्ली ऑफिस का पता दिया गया है.
मनोज कुमार गाेयल ने इस मामले में सविता वशिष्ठ और जीटीएम बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पर प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर पुलिस को लिखा.
50 करोड़ की…
उसने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को भी याद दिलाया है जिसमें कहा गया है कि रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कहा गया है. शुरुआती जांच के लिए पुलिस को 15 दिन और विशेष परिस्थिति में छह सप्ताह से ज्यादा समय नहीं दिये जाने की बात है. हालांकि इस मामले में अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है.
जीटीएम बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का भागलपुर ऑफिस आदमपुर थाना क्षेत्र में है इसलिए थाना में एसआइ उत्तम कुमार ने मनोज कुमार गोयल को नौ नवंबर को पत्र लिख कर 25 नवंबर को उपस्थित होने को लिखा.
मनोज कुमार गाेयल को अपना पक्ष विस्तृत रूप से बताने के लिए बुलाया गया पर वे अभी तक नहीं आये.
झूठे साबित हो चुके हैं केस
जीटीएम बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड की लीगल हेड सविता वशिष्ठ ने प्रभात खबर को बताया कि मनोज कुमार गोयल द्वारा कंपनी और उन पर लगाये गये आरोप पूरी तरह से झूठे हैं. उन्होंने कहा कि साल 2009 में जिंदल रियल कॉन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी और उनकी कंपनी के बीच एक डील हुई
थी जिसके तहत उनकी कंपनी ने जिंदल रियल को चार करोड़ रुपये दिये थे. उस समय मनोज कुमार गोयल जिंदल रियल कॉन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर्स में से एक डायरेक्टर थे. सविता वशिष्ठ ने बताया कि जिंदल रियल ने कंपनी को पैसे भी नहीं लौटाये और प्रॉपर्टी भी नहीं दी.
तब सोनीपत में जिंदल रियल और मनोज कुमार गोयल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. बाद में समझौता हुआ और जीटीएम बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड ने केस वापस ले लिया. सविता वशिष्ठ का कहना है कि उसके बाद से ही मनोज कुमार गाेयल जीटीएम बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स प्रा.लि. पर कई केस कर चुका है और उसके द्वारा किये गये केस झूठे भी साबित हो चुके हैं.