भागलपुर: अगर आपने अपने बच्चों के नाम में एक ही शब्द रखा है, तो उसमें सरनेम (उपनाम, कुलनाम, पदवी) जोड़ना जरूरी होगा. यानी अगर आपके बच्चे का नाम केवल जय, शिवम या इसी तरह के एक ही शब्द के कोई और नाम हैं, तो उसमें कोई और नाम या टाइटिल जोड़ने के लिए सोचना अभी से शुरू कर दीजिए. आइसीएसइ स्कूलों ने इसका पालन करना आवश्यक कर दिया है. इसके लिए यह जरूरी नहीं कि उसमें जातिगत टाइटिल ही जोड़ें, अभिभावक कोई भी सरनेम जोड़ने के लिए स्वतंत्र होंगे.
दरअसल आइसीएसइ ने बच्चों को भविष्य में आनेवाली परेशानी को देखते हुए बच्चों के नाम में सरनेम जोड़ने का निर्णय लिया है. किसी बैंक में खाता (एकाउंट) खुलवाने के समय कुछ बैंक एक शब्द वाले नाम के व्यक्ति का खाता खोलने से मना कर देता है. पासपोर्ट व वीजा बनवाने के समय सरनेम होना आवश्यक है. लिहाजा एहतियात के तौर पर यह निर्णय लिया गया है.
इससे बच्चे भविष्य में होनेवाली दिक्कतों से बच सकेंगे. जिन बच्चों का एक शब्द का नाम है, उनके अभिभावकों को आइसीएसइ स्कूल ने सूचना दी है कि वे अपने बच्चों का उपनाम भी बतायें ताकि उनका नौवीं कक्षा में नये नाम से पंजीयन किया जा सके. एक शब्द के नाम के बच्चों के अभिभावकों ने अपने बच्चों के नाम में सरनेम जोड़ने की तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए कुछ अभिभावक इंटरनेट पर बच्चों के नाम तलाश रहे हैं, तो कुछ माता-पिता आपस में ही परिवार के अन्य सदस्यों के साथ विचार कर रहे हैं कि बच्चों के नाम में कौन सा उपनाम जोड़ें. कुछ अभिभावक ज्योतिषी से भी सलाह ले रहे हैं. अभिभावक इस बात पर ज्यादा
ध्यान दे रहे हैं कि नाम ऐसा हो कि वह सुनने में प्यारा व आकर्षक लगे. एक अभिभावक ने बताया कि उन्होंने काफी सोच-समझ कर अपने बेटा का नाम ‘सार्थक’ रखा था. अब उनके सामने मजबूरी है कि सार्थक के साथ क्या जोड़ें. हालांकि उनके घर में यह तय हुआ है कि अब वे अपने बेटे का नाम ‘सार्थक सत्यप्रिय’ रखेंगे.