भागलपुर: भागलपुर विश्वविद्यालय में कला संकाय के कई विषय ऐसे हैं, उन विषयों में स्नातकोत्तर करने के लिए विभाग खुला है, लेकिन इन विषयों में स्नातक स्तर की पढ़ाई कॉलेजों में नहीं होती या फिर एक या दो कॉलेजों में होती है.
इसके कारण ऐसे अधिकतर विषयों में स्नातकोत्तर में छात्र ढूंढ़ने से भी नहीं मिलते. गांधी विचार, आंबेडकर विचार, मानव शास्त्र, अंगिका व लाइब्रेरी साइंस विषय में किसी भी कॉलेज में स्नातक की पढ़ाई नहीं होती है, लेकिन स्नातकोत्तर की होती है. राज्य सरकार को विश्वविद्यालय की ओर से दो दिन पहले सौंपी गयी रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है कि स्टेटिस्टिक्स में मारवाड़ी कॉलेज व सबौर कॉलेज के अलावा किसी भी कॉलेज से स्नातक करने की व्यवस्था नहीं है, लेकिन इस विषय में स्नातकोत्तर की व्यवस्था है. होम साइंस की पढ़ाई केवल एसएम कॉलेज, बीआरएम कॉलेज, सबौर कॉलेज, जमालपुर कॉलेज, एमएएम कॉलेज व महिला कॉलेज खगड़िया में ही होती है. इसी तरह संगीत की शिक्षा एसएम कॉलेज, बीआरएम कॉलेज व एमएएम कॉलेज में दी जाती है.
भूगोल से पढ़ाई करना भी भागलपुर विश्वविद्यालय से सभी इच्छुक छात्रों के लिए मुश्किल है. आंकड़े बताते हैं कि भूगोल की पढ़ाई केवल टीएनबी कॉलेज, आरडी एंड डीजे कॉलेज, आरडी कॉलेज व सबौर कॉलेज में होती है. रूरल इकोनॉमिक्स की पढ़ाई केवल सबौर कॉलेज व एमएएम कॉलेज में होती है. एंसिएंट हिस्ट्री की पढ़ाई केवल एसएसवी कॉलेज, केएसएस कॉलेज, सबौर कॉलेज, एमएएम कॉलेज व महिला कॉलेज खगड़िया में होती है. मैथिली जैसे विषय की स्थिति दम तोड़नेवाली दिख रही है. इसकी पढ़ाई सिर्फ टीएनबी कॉलेज, मारवाड़ी कॉलेज व सबौर कॉलेज में होती है. भागलपुर में बंगला भाषियों की काफी संख्या है.
बावजूद इसके यहां बंगला में केवल टीएनबी कॉलेज, आरडी एंड डीजे कॉलेज व मारवाड़ी कॉलेज में ही पढ़ाई होती है. पाली विषय की पढ़ाई सिर्फ एसकेआर कॉलेज, पर्शियन की सिर्फ टीएनबी कॉलेज, आइआरपीएम की सिर्फ मारवाड़ी कॉलेज, आरडी कॉलेज, केएमडी कॉलेज, सबौर कॉलेज, जमालपुर कॉलेज व एमएएम कॉलेज में होती है.