13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

खराब सड़कों पर और कितना चलाओगे साहब

खराब सड़कों पर और कितना चलाओगे साहबइंट्रो :भागलपुर शहर में केवल कूड़ा और कचरा ही बड़ी समस्या नहीं है, सड़कें व पुल कचरे से भी बुरी स्थिति में है. विक्रमशिला सेतु और इसके पहुंच पथ की खराब स्थिति को दुरुस्त करने में ठेकेदार व विभाग हांफते नजर आ रहे हैं. लोहिया सेतु के पिछले कई […]

खराब सड़कों पर और कितना चलाओगे साहबइंट्रो :भागलपुर शहर में केवल कूड़ा और कचरा ही बड़ी समस्या नहीं है, सड़कें व पुल कचरे से भी बुरी स्थिति में है. विक्रमशिला सेतु और इसके पहुंच पथ की खराब स्थिति को दुरुस्त करने में ठेकेदार व विभाग हांफते नजर आ रहे हैं. लोहिया सेतु के पिछले कई महीने से छड़ निकल गये हैं, सड़क जर्जर हो गयी है, विभाग को नहीं दिख रहा है. तिलकामांझी चौक से जीरोमाइल तक सड़क अपना अस्तित्व खो रही है. स्टेशन चौक से खलीफाबाग चौक और घंटाघर चौक से आदमपुर चौक तक के अलावा अन्य मुख्य सड़कों को जोड़नेवाली लिंक सड़कों की स्थिति चरमरा गयी है. कई सड़कें ऐसी हैं, जिनकी मरम्मत वर्षों से नहीं हुई है. लोग आवागमन के लिए मजबूर हैं. विभाग पर इसका कोई असर और गंभीरता नहीं दिख रही. दिसंबर फेल, जनवरी में पूरा होने का रखा लक्ष्यविक्रमशिला सेतु एप्रोच रोड : काम कम, बहानेबाजी ज्यादा, शहरवासी हैं चिंतित संवाददाता, भागलपुरविक्रशिला सेतु एप्रोच रोड डेढ़ साल बाद भी अधूरा है. सड़क बनने के लिए निर्धारित लक्ष्य 13 अक्तूबर को ही फेल हो गया है. दोबारा दिसंबर तक में पूरा करने का तय लक्ष्य भी फेल हो गया. क्योंकि अगला लक्ष्य अब जनवरी तक में पूरा करने का रखा गया है, वह भी बारिश नहीं हुई तो. जनवरी में सड़क बन कर तैयार नहीं हो सकी, तो इसका 28 फरवरी को निर्माण शुरू होने का दो साल पूरा हो जायेगा. वर्तमान में बेगूसराय की ब्रॉडवे लिंक्स प्राइवेट लिमिटेड सड़क बना रही है. कंपनी को 14 मई 2015 को निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गयी. इस कंपनी के साथ करीब 10.68 करोड़ रुपये में सड़क बनाने का एग्रीमेंट हुआ है. इससे पहले साईं इंजीकॉन को जिम्मेदारी सौंपी गयी थी. तत्कालीन पथ निर्माण मंत्री ललन सिंह द्वारा 31 दिसंबर तक पूरा करने की तिथि निर्धारित की गयी थी. जब निर्धारित तिथि के चार माह भी सड़क नहीं बन सकी तो विभाग ने ठेकेदार बदल दिया. वर्तमान में सड़क निर्माण करा रही बेगूसराय की कंपनी को अक्तूबर तक सड़क निर्माण पूरा करने के लिए कहा गया था. लेकिन काम की लेटलतीफी के कारण निर्धारित समय तो दूर, दिसंबर तक में भी सड़क बन कर तैयार नहीं हो सकी. अब कहा जा रहा है कि जनवरी में सड़क तैयार हो पायेगी. मालूम हो कि गंगा के पार नवगछिया की ओर नौ किमी में सड़क बननी है. विभागीय इंजीनियर का दावा है कि बारिश नहीं हुई, तो 15 दिन में निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा. गंगा के इस पार भागलपुर शहर की ओर एक किमी में सड़क बननी है. कार्य प्रगति पर है. डिवाइडर का काम पूरा होने के साथ अलकतरा की सड़क बननी शुरू हो जायेगी. यानी, पूरा काम जनवरी तक में हो जायेगा. नये साल से आवागमन के लिए शहर को नवनिर्मित सड़क मिल जायेगी. …………………………………….ट्रकों के गुजरने पर थरथराने लगा लोहिया पुल-महज सात साल में पुल हो गया बूढ़ा,गड्ढों के कारण बाहर निकल आये छड़, अक्सर बनी रहती दुर्घटना की आशंकासंवाददाता, भागलपुरदक्षिणी शहर का लाइफ लाइन लोहिया पुल महज सात साल में बूढ़ा हो गया. मेंटेनेंस के अभाव में गड्ढे बन गये हैं और छड़ बाहर निकल आया है. रेलिंग और फुटपाथ भी क्षतिग्रस्त हो गया है. पुल का ज्वाइंट एक्सपेंशन भी टूट गया है, जिससे हर गुजरने वाले ट्रकों के कारण पुल थरथराने लगा है. इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. मालूम हो कि 2008 में 25 करोड़ चार लाख 79 हजार की लागत से पुल का निर्माण हुआ था.रेलवे भी नहीं दे रहा ध्यानपुल का एक हिस्से रेलवे ट्रैक के ऊपर है. यह हिस्से काफी जर्जर है. इस हिस्से पर जैसे ही ट्रक पहुंचता है, वैसे ही पूरा पुल थर्राने लगता है. इसकी जानकारी रेलवे प्रशासन को भी है, मगर रेलवे अधिकारियों की ओर से ध्यान नहीं दिया जा रहा है.इस हिस्से में भी आयी खराबीउत्तरी छोर :कचहरी चौक भाग की ओर लंबाई पहुंच पथ के साथ : 140.55 मीटरदक्षिणी छोर :हंसडीहा भाग की लंबाई पहुंच पथ के साथ : 173.99 मीटरपश्चिमी छोर :स्टेशन भाग की लंबाई पहुंच पथ के साथ : 37.55 मीटरबॉक्स मैटरदो विभागों के पेच में सालों फंसा रहा मेंटेनेंस का कामलोहिया पुल के अस्तित्व पर संकट का बादल मंडरा रहा है. लेकिन इसके मेंटेनेंस की जिम्मेदारी न तो एनएच विभाग और न पुल निर्माण निगम उठा रहे थे, जिससे सालों दो विभागों के पेच में मेंटनेंस कार्य फंसा रहा. पिछले साल दिसंबर में जब राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल, भागलपुर के कार्यपालक अभियंता लाल मोहन प्रजापति थे, तो स्पष्ट हुआ था कि लोहिया सेतु का निर्माण पुल निर्माण निगम ने किया है और मेंटेनेंस की जिम्मेदारी एनएच विभाग को मिली है. इसके बावजूद मेंटेनेंस की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. जबकि तत्कालीन चीफ इंजीनियर केदार बैठा ने भी एनएच के कार्यपालक अभियंता को मेंटेनेंस का प्रस्ताव बना कर भेजने का निर्देश दिया था. चीफ इंजीनियर सेवानिवृत होने के साथ निर्देश की हवा-हवाई हो गयी.ज्वाइंट एक्सपेंशन में भरा था मेटेरियलजिला प्रशासन का एनएच के कार्यपालक अभियंता पर जब दबाव बनाया गया, तो उनकी ओर से ज्वाइंट एक्सपेंशन को मरम्मत कराने की बजाय इसे मेटेरियल से भर दिया गया. वस्तुस्थिति यह है कि मेटेरियल निकल गया है. ज्वाइंट का गेपिंग भी बढ़ गया है. विशेषज्ञ की मानें तो किसी भी पुल में ज्वाइंट एक्शपेंशन महत्वपूर्ण पार्ट होता है. गरमी दिन में फैलाव और ठंड दिन में सिकुड़ने से पुल को होने वाले नुकसान को बचाता है. बावजूद इस महत्वपूर्ण पार्ट को मरम्मत करने की बजाय इसे छोड़ दिया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें