प्रोन्नति सूची नियमों पर ग्रहणप्रोन्नति समिति से जुड़े दो सदस्यों द्वारा सूची में विसंगति का आरोप लगाने के बाद गरमाया मामलासंवाददाता, भागलपुरहाईकोर्ट के आदेश पर शिक्षा विभाग भागलपुर ने 289 शिक्षकों की प्रोन्नति देने के लिए सूची जारी कर दी. लेकिन प्रोन्नति समिति से जुड़े दो सदस्यों द्वारा सूची में विसंगति का आरोप लगाने के बाद अब इस सूची जारी करने की नीयत पर सवाल उठने लगे हैं. सूची में जिस नियम का हवाला देकर शिक्षकों की तैनाती विभिन्न विद्यालयों में की गयी है. अब इस पोस्टिंग में बड़ा खेल करने का आरोप जिम्मेदाराें पर लगने लगा है. प्रोन्नत शिक्षकों की सूची जारी करते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय ने जारी आदेश में कहा कि हाइकोर्ट के आदेश तथा प्रधान सचिव शिक्षा विभाग, बिहार पटना के आदेशानुसार शिक्षक प्रोन्नति समिति की बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार 293 शिक्षकों की प्रोन्नति की अनुशंसा की जा रही है. आदेश में दावा किया गया कि पदस्थापन का मार्गदर्शन पत्र 576 एवं पत्रांक 102 के अनुसार ही मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक के पद पर 289 शिक्षकों की तैनाती करने की सूची जारी की गयी. पत्रांक 102 के पैरा एक में कहा गया है कि प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति के उपरांत उनकी संख्या के अनुपात में प्रखंडवार मध्य विद्यालय की संख्या काे ध्यान में रखकर अनुपातिक रूप से पदस्थापन पर विचार किया जायेगा. मतलब कुल पद और तैनात होने वाले प्रधानाध्यापक की संख्या का अनुपात 60:40 का होना चाहिए.इस नियम की कैसे उड़ी धज्जियांनगर निगम क्षेत्र में मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापक पद की संख्या 49 है, जबकि इस सूची में 48 शिक्षकों को नगर निगम क्षेत्र के विभिन्न मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापक बनाया गया है. मतलब करीब 2:98 का अनुपात हो गया. पत्रांक 120 के पैरा नंबर दो के अनुसार, प्रखंड के चिह्नित विद्यालय जो निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी से संबंधित हो, का प्रधानाध्यापक पद यदि रिक्त हो, तो वहां पर सर्वप्रथम स्थापन किया जायेगा. इसी पत्र के पैरा चार में लिखा है कि उक्त कंडिकाओं में वर्णित पदस्थापना के समान सिद्धांत के अंतर्गत जिन प्रोन्नत शिक्षकाें की सेवानिवृत्ति एक साल के अंदर हो, की इच्छित पदस्थापन पर विचार किया जायेगा. इसी क्रम में नि:शक्त शिक्षकाें एवं महिला शिक्षकों के पदस्थापन मामले में भी इनकी इच्छाओं का ध्यान रखा जायेगा. इस नियमों की उड़ी धज्जियांसवाल नंबर एक : राजकुमार राय को पूर्व में प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति दी गयी थी. उसमें वरीय शिक्षक होने के नाते इन्हें वर्ष 2012 में चिह्नित मध्य विद्यालय पीरपैंती के निकासी एवं व्ययन अधिकारी के रूप में पदस्थापित किया गया था. अभी हाईकोर्ट द्वारा जारी आदेश के बाद इनका प्रोन्नति सूची में नाम ही नहीं है. जबकि इस लिस्ट के नामों में राजकुमार राय सीनियर मोस्ट टीचर हैं. सवाल नंबर दो : विभा कुमारी प्रधानाध्यापिका पद पर रामकृष्ण आश्रम मध्य विद्यालय भागलपुर में हैं. विभा कुमारी के आरोपों के अनुसार, इन्होंने पदस्थापना के लिए चिह्नित विद्यालय मध्य विद्यालय पुरैनी में अपनी इच्छित तैनाती मांगी थी. वरीय शिक्षिका होने के बावजूद विभा की बजाय इनसे कनीय शिक्षिका की पोस्टिंग कर दी गयी जो कि पत्रांक 12 के पैरा चार का उल्लंघन हैं. आरोपों पर आरडीडीइ आज करेंगे सुनवाईविभा कुमारी व राजकुमार राय द्वारा क्षेत्रीय उप निदेशक शिक्षा भागलपुर धुरेंद्र शर्मा के कार्यालय में शिकायत करते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय द्वारा जारी सूची पर मनमानी करने का आरोप लगाया है. इसकी सुनवाई शनिवार काे आरडीडीइ धुरेंद्र शर्मा करेंगे. इस सुनवाई पुष्टि करते हुए श्री शर्मा ने कहा कि विभा कुमारी व राजकुमार राय के आरोपों की सुनवाई शनिवार को करेंगे. बाद में प्रोन्नति समिति के दो सदस्य क्रमश: वित्त लेखा पदाधिकारी भागलपुर एसके मेहरा व वरीय उप समाहर्ता दीपू कुमार भागलपुर के आरोपों की जांच करने के बारे में विचार होगा.
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प्रोन्नति सूची नियमों पर ग्रहण
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