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पत्थर जैसे कोर्ट पर खेली महिला कबड्डी खिलाड़ी

पत्थर जैसे कोर्ट पर खेली महिला कबड्डी खिलाड़ी-तीन दिन तक जिला स्कूल के मैदान में आयोजित हुई राज्य स्तरीय महिला कबड्डी प्रतियोगितासंवाददाता, भागलपुरतीन दिन तक पत्थर-कंक्रीट मिश्रित मिट्टी के कोर्ट पर राज्य भर की करीब तीन दर्जन जिले की दर्जनों महिला खिलाड़ियों ने जान की बाजी लगाकर हू-तू-तू की. खिलाड़ियों की मानें तो दूसरे दिन […]

पत्थर जैसे कोर्ट पर खेली महिला कबड्डी खिलाड़ी-तीन दिन तक जिला स्कूल के मैदान में आयोजित हुई राज्य स्तरीय महिला कबड्डी प्रतियोगितासंवाददाता, भागलपुरतीन दिन तक पत्थर-कंक्रीट मिश्रित मिट्टी के कोर्ट पर राज्य भर की करीब तीन दर्जन जिले की दर्जनों महिला खिलाड़ियों ने जान की बाजी लगाकर हू-तू-तू की. खिलाड़ियों की मानें तो दूसरे दिन जब औरंगाबाद की प्रियंका को पत्थर जैसे कोर्ट पर चोट लगी, तो फाइनल के पहले अपनी लापरवाहियों को छिपाने के लिए कोर्ट परिसर में मिट्टी में दबे कंक्रीट और पत्थरों को निकाला गया. देखने वालों के मुंह से बरबस यही बोल निकले कि भगवान ने इन बच्चियाें को बचा लिया. कोर्ट बनाने के लिए मिले सात हजार !कला, संस्कृति, छात्र, कल्याण विभाग महिला खिलाड़ियों के प्रति कितना संजीदा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के आयोजन के तहत मैदान की तैयारी, व्यय एवं आकस्मिक व्यय के लिए महज सात हजार रुपये दिया. जबकि एक आदर्श कबड्डी कोर्ट बनाये जाने के लिए करीब सवा लाख रुपये का खर्च आयेगा. इस रुपये को जिला खेल पदाधिकारी ही खर्च कर सकते थे. क्या कहते हैं खेल पदाधिकारी जिला खेल पदाधिकारी मो शमीम अंसारी अंतिम दिन कोर्ट के पिच से पत्थर एवं कंक्रीट जैसी चीज निकाले जाने की बात को पूरी तरह से इनकार करते हैं. उन्होंने कहा कि कोर्ट उनकी देखरेख में बनाया गया. पिच में किसी तरह का कंक्रीट या पत्थर नहीं था. क्या कहते हैं खेल एक्सपर्टजिला कबड्डी संघ भागलपुर के सचिव गौतम कुमार प्रीतम कहते हैं कि एक आदर्श कबड्डी का कोर्ट तैयार करने में करीब सवा लाख रुपये का खर्च आयेगा. आदर्श कोर्ट बनाये जाने की बाबत श्री प्रीतम बताते हैं कि जितने एरिया में कबड्डी का कोर्ट बनाया जाना होता है, वहां की दो फीट गहराई में पूरी मिट्टी निकाल ली जाती है. फिर मिट्टी में से कंक्रीट, पत्थर जैसी अन्य चीजें निकाल ली जाती है. सबसे नीचे करीब छह इंच मोटी फाइबेट (एक किस्म का पत्थर) की परत बिछायी जाती है. फिर उस पर छह इंच मोटी बालू की परत बिछायी जाती है. इसके बाद तीन इंच लकड़ी के काेयले की परत बिछायी जाती है. इसके बाद मिट्टी एवं लकड़ी का बुरादा मिश्रित करीब नौ इंच मोटी परत बिछायी जाती है. इस तरह एक मुलायम एवं आदर्श कबड्डी का कोर्ट तैयार किया जाता है. इस पर खेलने वाले खिलाड़ी को माइनर फ्रैक्चर आदि को छोड़ दिया जाये, तो सामान्य मिट्टी पर खेली जाने वाली कबड्डी की तरह गंभीर चोट नहीं लगती है. इसके अलावा आजकल सिंथेटिक कोर्ट पर भी कबड्डी का मैच होता है. इस पर करीब चार लाख रुपये खर्च आता है. इसकी बड़ी खासियत यह है कि इसको कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है.

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