पांच साल बाद बिजली से चलेगी ट्रेनफ्लैग : पाकुड़-किऊल वाया भागलपुर और मंदारहिल रूट का सर्वे पूरा, तैयार हो रहा प्रोजेक्ट -240.80 करोड़ रुपये तक विद्युतीकरण पर आयेगी लागतब्रजेश, भागलपुररेलवे ने बिहार और झारखंड के बिजली से ट्रेनों को चलाने की योजना को मूर्तरूप देने का काम शुरू कर दिया है. अगले पांच साल में पाकुड़ से किऊल वाया भागलपुर और मंदारहिल रूट पर ट्रेनें बिजली से दौड़ेगी. इससे ट्रेनें के चलने की रफ्तार भी डेढ़ गुणा तक बढ़ जायेगी. वर्तमान में ट्रेनों की रफ्तार 100 किमी प्रति घंटे है. बिजली से ट्रेनों को चलाने की याेजना के तहत पाकुड़ से किऊल वाया भागलपुर और मंदारहिल रूट का सर्वे कार्य पूरा हो गया है. मालदा रेल डिवीजन प्रोजेक्ट तैयार कर रहा है. हेडक्वार्टर की मानें, तो अगले दो-चार माह में प्रोजेक्ट भी बन कर तैयार हो जायेगा. विद्युतीकरण के लिए हरेक किमी पर करीब 80 लाख रुपये तक लागत आयेगी. पाकुड़ से किऊल वाया भागलपुर रूट की लंबाई करीब 252 किमी और मंदारहिल रूट की लंबाई 49 किमी कुल मिला कर 301 किमी विद्युतीकरण का कार्य होगा. इस पर लगभग 240.80 करोड़ रुपये तक लागत आयेगी. पहले होगा दोहरीकरण का कामइस रूट पर विद्युतीकरण से पहले दोहरीकरण का काम पूरा होगा. साहेबगंज और पीरपैंती के बीच रेल लाइन दोहरीकरण का काम पूरा हो गया है. पीरपैंती और भागलपुर के बीच दोहरीकरण का काम जारी है. भागलपुर से लैलख-ममलखा के बीच भी दोहरीकरण का काम चल रहा है. इसे पूरा होने में लगभग दो साल लगेगा. इसके बाद ही दोहरीकरण का लाभ मिलने लगेगा और बिजली से ट्रेनों के चलने पर ट्रेनों की रफ्तार में मददगार साबित होगा. मालूम हो कि तीनपहाड़-भागलपुर रेल लूपखंड के 111 किमी हिस्से का दोहरीकरण के काम को लेकर रेलवे मंत्रालय से वर्ष 2009 में मंजूरी दी थी. लगभग 200 करोड़ रुपये खर्च कर चार चरणों में रेल लाइन का दोहरीकरण हो रहा है. पहले चरण में तीन पहाड़ से साहेबगंज के बीच पिछले साल जुलाई से पहले काम पूरा हो गया है. दूसरे चरण में साहेबगंज से पीरपैंती के बीच ट्रैक दोहरीकरण का काम हाल के कुछ दिन पहले पूरा किया गया है. तीसरे और चौथे चरण में पीरपैंती से भागलपुर के बीच दोहरीकरण का काम जारी है. अधिकारियों का दावा है कि रेल लाइन दोहरीकरण का काम समय पर पूरा कर लिया जायेगा. राजधानी सहित ट्रेनों की संख्या में हो जायेगी बढ़ोतरीदोहरणीकरण पूरा होने और बिजली से ट्रेनों के चलने के कारण भागलपुर के लोगों की इस होकर राजधानी एक्सप्रेस के परिलन की बहुप्रतीक्षित मांग भी पूरी हो सकती है. ट्रेनों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो सकती. इसका फायदा यात्रियों को मिलेगा. इससे रेलवे को डीजल पर होने वाले खर्च की राशि भी बचेगी और प्रदूषण की समस्या भी नहीं रहेगी. बदल जायेगा इंजन विद्युतीकरण होने से पाकुड़ से किऊल तक और मंदारहिल रूट की ट्रेनों का इंजन बदल जायेगा. डीजल इंजन के बजाय इलेक्ट्रिक इंजन लग जायेंगे. वर्तमान में इस रूट पर 41 जोड़ी ट्रेनें दौड़ रही है, जिसके सभी इंजन डीजल के हैं. पाकुड़ से किऊल वाया भागलपुर और मंदारहिल रूट को विद्युतीकरण करने की योजना है. इस रूट का सर्वे पूरा कर लिया गया है. प्रोजेक्ट तैयार हो रहा है. हरेक किमी पर 70 से 80 लाख रुपये तक लागत आयेगी. प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए चार से पांच साल का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.राजेश अर्गल, डीआरएम
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पांच साल बाद बिजली से चलेगी ट्रेन
पांच साल बाद बिजली से चलेगी ट्रेनफ्लैग : पाकुड़-किऊल वाया भागलपुर और मंदारहिल रूट का सर्वे पूरा, तैयार हो रहा प्रोजेक्ट -240.80 करोड़ रुपये तक विद्युतीकरण पर आयेगी लागतब्रजेश, भागलपुररेलवे ने बिहार और झारखंड के बिजली से ट्रेनों को चलाने की योजना को मूर्तरूप देने का काम शुरू कर दिया है. अगले पांच साल में […]
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