वास्तुशिल्प देखा तो वाॅव, गंदगी पर शिट- रवींद्र भवन टिल्हा कोठी देखने पहुंचे यूएसए व यूके के सैलानी – संग्राहालय में रखे पुराने सिक्कों को देख हुए गदगद फोटो : मनोज संवाददाता, भागलपुरतिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय स्थित रवींद्र भवन (टिल्हा कोठी) देखने के लिए मंगलवार सुबह यूएसए (यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका) व यूके (यूनाइटेड किंगडम) के सात सैलानी पहुंचे थे. जैसे ही रवींद्र भवन के आर्किटेक्चर डिजाइन पर नजर गयी, तो उनके मुंह से बरबस ही निकल पड़ा…वॉव. लेकिन रवींद्र भवन के सेमिनार हॉल में फैले कचरे देख दुखी हो गये. बिजली की व्यवस्था नहीं होने पर अफसोस भी जताया. उन्होंने कहा कि इतनी उम्दा शैली में बने इस भवन में रोशनी का पुख्ता इंतजाम नहीं होना हैरत करनेवाली बात है. टिल्हा कोठी में सैलानियों ने करीब एक घंटा बिताये. इस दौरान यहां के हर कोने को निहारा. खासकर संग्रहालय आकर्षण का केंद्र रहा. यहां रखे पुराने जमाने के सिक्कों को देख वे प्रभावित हुए. सैलानी टीम में यूएसए से मलिसा, सुजैन और यूके से जूडिक्स, जीन, यान, एलैन व सरोजनी शामिल थी. सैलानियों ने कहा कि रवींद्र भवन का वास्तुशिल्प बहुत ही खूबसूरत है. इसे संजो कर रखने की जरूरत है. छात्र -छात्राओं को भी साफ-सफाई पर ध्यान देनी चाहिए. सेमिनार हॉल में फैले कचरा की साफ-सफाई होनी चाहिए है. इसकी निगरानी विवि प्रशासन को करनी चाहिए. बिजली नहीं रहने पर जेनेरेटर की सुविधा होनी चाहिए. एक सवाल के जवाब में सैलानियों ने कहा कि रवींद्र भवन के मरम्मत कार्य का काम ठीक तरह से होना चाहिए. ———————————टिल्हा कोठी: रोमांस ऑफ हिस्ट्री से भरा 31 मई 2012 को टिल्हा कोठी भ्रमण करने आये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसके विहंगम दृश्यों को देख इतने प्रभावित हुए थे कि उन्होंने इस पर एक पुस्तिका तैयार करने को कहा था. जिला प्रशासन ने वर्ष 2012 में टिल्हा कोठी के जीर्णोद्धार का प्रस्ताव तैयार कराया था. उसमें इसके निचले तल का पुरातात्विक दृष्टिकोण से संरक्षण व सुदृढ़ीकरण का कार्य भी शामिल किया गया था. कार्य शुरू हो गया होता, तो यहां आनेवाले पर्यटकों की संख्या बढ़ जाती. टिल्हा कोठी आनेवाले कुछ प्रमुख हस्ती -सेवांग टेमडिन (दलाईलामा के पर्सनल फिजिसियन)-टीटी ड्रूंगसू (सेंट्रल काउंसिल ऑफ तिब्बतन मेडिसिन के चेयरमैन)-प्रो अरुण बंदोपाध्याय (इंडियन हिस्ट्री कांग्रेस के तत्कालीन सचिव)-प्रो दीपक कुमार (जेएनयू के सेंटर फॉर एजुकेशन के वरीय शिक्षक)-प्रो गणपति सुबैया (शांतिनिकेतन के एंसिएंट हिस्ट्री के हेड)-प्रो एके नारायण (यूएसए में शिक्षक)-प्रो केके बासा (मानव संग्रहालय, भोपाल में तत्कालीन कार्यरत)-प्रो एससी पांडेय (भुवनेश्वर के उत्कल यूनिवर्सिटी के तत्कालीन कुलपति)-प्रो मक्खनलाल (दिल्ली स्थित रिसर्च एंड हेरिटेज इंटीट्यूट)-क्रिस्टिन न्यूमैन (यूके की एक ट्रैवल एजेंसी की प्रबंधक)-नीतीश कुमार (बिहार के मुख्यमंत्री)—————-
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वास्तुशल्पि देखा तो वॉव, गंदगी पर शिट
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