11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सम्मान वापसी ही है लेखकों-कलाकारों के प्रतिरोध का हथियार

सम्मान वापसी ही है लेखकों-कलाकारों के प्रतिरोध का हथियारप्रो (डॉ) लखन लाल सिंह आरोहीभारत की परंपरा उदारता, बहुलता और सहिष्णुता की रही है. हमारी संस्कृति की यह पहचान है और विशेषता भी. इसके कारण भारत मनुष्यता की भूमि कहलाता है, लेकिन आज इन मूल्यों पर संकट के बादल छा गये हैं. असहिष्णुता का माहौल सारे […]

सम्मान वापसी ही है लेखकों-कलाकारों के प्रतिरोध का हथियारप्रो (डॉ) लखन लाल सिंह आरोहीभारत की परंपरा उदारता, बहुलता और सहिष्णुता की रही है. हमारी संस्कृति की यह पहचान है और विशेषता भी. इसके कारण भारत मनुष्यता की भूमि कहलाता है, लेकिन आज इन मूल्यों पर संकट के बादल छा गये हैं. असहिष्णुता का माहौल सारे देश में उत्पन्न हो गया है. स्वतंत्र विचार, चिंतन, तर्क और वैज्ञानिक सोच एवं बौद्धिकता कट्टरता का शिकार हो रही है. संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हाशिये पर चली गयी है. कोई भी कुछ बोलने या लिखने से भयाक्रांत है. महाराष्ट्र में अंधविश्वास उन्मूलन का आंदोलन चलाने वाले डॉ दाभोलकर की कट्टरवादियों ने पुणे में हत्या कर दी. मेरे मित्र ने मुझे वह हत्यास्थल दिखाया था. कर्नाटक के तर्कवादी लेखक एमएम कलबुर्गी की हत्या कर दी गयी. प्रसिद्ध नाटककार गिरीश कर्नाड को जान से मारने की धमकी इसलिये कट्टरपंथियों ने दी है कि उन्होंने कर्नाटक के एक हवाई अड्डे का नामकरण टीपू सुलतान के नाम पर करने का कर्नाटक सरकार से अनुरोध किया था. हत्याओं और धमकियों का सिलसिला जारी है. लोकतंत्र की धूरी सहिष्णुता है. विविधता, धर्मनिरपेक्षता, बहुलता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ सहिष्णुता खतरे में पड़ गयी है. पश्चिम बंगाल के लेखकों और बुद्धिजीवियों ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पत्र लिख कर देश में बढ़ती असहिष्णुता को रोकने की गुहार लगायी है. देश की सभी भाषाओं के साहित्यकार, कलाकार, बुद्धिजीवी और वैज्ञानिक राष्ट्रव्यापी असहिष्णुता का प्रतिरोध साहित्य आदमी पुरस्कार और पद्म पुरस्कारों को लौटा कर कर रहे हैं. इसमें कोई राजनीति नहीं है. खतरे के प्रति राजधर्म से लापरवाह केंद्र सरकार की चेतना पर, सम्मान वापस कर प्रतिरोध प्रदर्शन एक जोरदार दस्तक है. लेखकों और कलाकारों के पास अपने प्रतिरोध का यही हथियार है. किसी को इस प्रतिरोध में राजनीति की गंध या राष्ट्र के अपमान की बू आती है तो उनकी समझ की बलिहारी है. अध्यक्ष, बिहार अंगिका अकादमी, पटना

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें