भागलपुर: धनतेरस का पर्व नौ नवंबर सोमवार को मनाया जायेगा. इस दिन घरेलू उपयोग में आने वाली सामग्री व वस्तु जैसे सोना-चांदी समेत अन्य धातु खरीदने की परंपरा है. इसलिए इस दिन लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त प्रदोष काल वृष लग्न में संध्या 5:34 से 7:31 बजे तक किया जायेगा. इस दौरान लोगों को खरीदारी करना भी शुभ होगा. दोपहर 12:57 के बाद और 2:28 बजे के बीच भी खरीदारी का शुभ मुहूर्त है.
लक्ष्मी पूजन स्थिर लग्न में करना शुभ. दीपावली को लेकर लक्ष्मी पूजन स्थिर लग्न में करना शुभ माना जाता है. इस बार 11 नवंबर बुधवार को लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त स्थिर लग्न में वृष में संध्या 5:26 से 7:23 बजे तक, सिंह लग्न रात्रि 11:55 से 2:08 बजे तक, वृश्चिक लग्न प्रात: 6:41 से 8:58 तक, कुंभ लग्न दोपहर 12:49 से लेकर 2:20 बजे तक आता है.
द्विस्वभाव लग्न में मिथुन लग्न रात्रि 7:23 से 9:27 तक, कन्या लग्न रात्रि 2:08 से 4:21 तक, धनु लग्न प्रात: 8:58 से 11:03बजे तक, मीन लग्न दोपहर 2:20 से 3:48 तक 10 को ही है मध्य रात्रि में अमावस्या का संयोग. ज्योतिषाचार्य डॉ सदानंद झा बताते हैं कि काली पूजा के लिए मध्य रात्रि में अमावस्या का संयोग 10 नवंबर मंगलवार को पड़ता है, इसलिए काली, तारा व भुवनेश्वरी का प्रदुर्भाव मध्य रात्रि में किया जायेगा. अमावस्या का प्रवेश 10 नवंबर मंगलवार को रात्रि 8:54 बजे के बाद हो रहा है और अमावस्या 11 नवंबर बुधवार को रात्रि 10:39 बजे तक रहेगा. 10 को ही हनुमान जन्मोत्सव, हनुमत ध्वजा दान किया जायेगा.
11 को दीपावली, सुखरात्रि, लक्ष्मी पूजा, उल्का भ्रमण आदि कार्य प्रदोष काल में किया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि सबसे श्रेष्ठ और महत्वपूर्ण लक्ष्मी पूजा के लिए गोधूलि समय में वृष लग्न संध्या 5:26 से 7:23 तक है. इसके बाद महानिशा में सिंह लग्न रात्रि 11:55 से 2:08 बजे तक है. इसके बाद वृश्चिक और कुंभ लग्न भी स्थिर लग्न है. इन लग्नों में स्थिर लक्ष्मी का वास होता है. द्वि स्वाभाव लग्न मध्यम कोटि के मुहूर्त में आता है, लेकिन सुविधा अनुसार इस लग्न में भी लक्ष्मी पूजन किया जाना मंगलकारी है.