पुलिस को गुमराह करने की कोशिश क्योंगोली लगने से घायल रतन चौधरी के दोस्त अमरेंद्र सिंह के बयान में कई विरोधाभासवरीय संवाददाता, भागलपुरकोर्ट परिसर में बुधवार को रतन चौधरी को गोली मारने के बाद दोनों अपराधी वहां से भाग निकले थे. बरारी थाना क्षेत्र के खिरनी घाट में लावारिस अवस्था में लाल रंग की पैशन प्रो मोटरसाइकिल मिलने के बाद इसका पता लगाया जा रहा है कि अपराधी किस तरफ भागे होंगे. यह अनुमान लगाया जा रहा है कि वे विक्रमशिला पुल के पार भागे होंगे. यह भी हो सकता है कि वे दियारा क्षेत्र की तरफ भाग गये हों. वे जिस भी तरफ भागे हों पर पुलिस की जांच में यह पता चल रहा है कि वह बाहर से आया था. तो क्या खुद कहानी गढ़ी गयी पुलिस की छानबीन में पता चल गया है कि हमलावर दो की संख्या में थे और वे दोनों एक ही मोटरसाइकिल से थे. इसके बाद अमरेंद्र कुमार सिंह की वह बात गलत साबित हो गयी कि हमलावर पांच मोटरसाइकिल से आये थे. अमरेंद्र कुमार सिंह ने खुद से कहानी गढ़ ली और पुलिस को बताया तो यह सवाल है कि उसने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश क्यों की. कुल्लो यादव के परिवार को फंसाने के पीछे क्या है कारण ? रतन चौधरी को गाेली लगने के बाद मायागंज अस्पताल में अमरेंद्र कुमार सिंह ने पुलिस को बताया था कि उसे मारने की साजिश थी जिसमें कुल्लो यादव के बेटे मनीष और उन्नीस का हाथ है. पुलिस की जांच में उन्नीस के निर्दोष साबित होने के बाद बड़ा सवाल यह उठ गया है कि आखिर अमरेंद्र कुल्लो यादव के परिजनों को इस केस में क्यों फंसाना चाह रहा है. कुल्लो यादव के परिजनों का कहना है कि अमरेंद्र और कुल्लो के बीच पैसे के लेनदेन और बागबाड़ी बाजार समिति पर वर्चस्व को लेकर तनाव था. कुल्लो यादव के परिजनों का कहना है कि अमरेंद्र के यहां अभी भी बहुत सारा पैसा बकाया है. पूरे परिवार को मारने की बात कहता है अमरेंद्र कुल्लो यादव की पत्नी का कहना है कि गाेली कांड के बाद अमरेंद्र उसे धमकी दे रहा है कि वह उसके पूरे परिवार को जान से मार देगा. उन्नीस की मां ने बताया कि कई लोगों के सामने अमरेंद्र ने उसे धमकी दी. कुल्लो के परिजनों ने कहा कि अमरेंद्र कुमार सिंह के पास आपराधिक चरित्र के काफी लोगों का आना जाना है. पुलिस के पहुंचने से पहले जुआरी कैसे भाग जाते हैंरतन चौधरी को गोली मारे जाने की घटना को जुए से जोड़ कर देखा जा रहा है. बबरगंज थाना क्षेत्र के अनुसूचित जाति टोली में जुआ खेला जा रहा. पुलिस को इसकी सूचना दी जाती है पर अभी तक किसी को पकड़ा नहीं जा सका. स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस के आने की सूचना जुआ अड्डा पर पहले ही पहुंच जाती है. यही वजह है कि पुलिस आती तो है पर उसे कुछ हाथ नहीं लगता. सवाल यह उठता है कि पुलिस के आने की सूचना वहां तक पहले कैसे पहुंच जाती है. जुआरियों को पकड़ने में पुलिस स्थानीय लोगों की मदद क्यों नहीं ले रही. इशाकचक में भी धड़ल्ले से चल रहा जुआ सिर्फ बबरगंज ही नहीं बल्कि इशाकचक में भी धड़ल्ले से जुआ चल रहा है. जुआरियों को पकड़ने के लिए सिटी डीएसपी शहरयार अख्तर के नेतृत्व में छापेमारी भी की गयी पर अभी तक कोई जुआरी पुलिस के हाथ नहीं आया. दुर्गापूजा के बाद छठ तक शहर के विभिन्न थाना क्षेत्रों में जुआ का खेल शुरू हो जाता है. यही वजह है कि इस दौरान आपराधिक घटनाएं बढ़ जाती हैं. चोरी, गृहभेदन और छिनतई की घटनाओं को जुआ से जोड़ कर देखा जा सकता है.
BREAKING NEWS
पुलिस को गुमराह करने की कोशिश क्यों
पुलिस को गुमराह करने की कोशिश क्योंगोली लगने से घायल रतन चौधरी के दोस्त अमरेंद्र सिंह के बयान में कई विरोधाभासवरीय संवाददाता, भागलपुरकोर्ट परिसर में बुधवार को रतन चौधरी को गोली मारने के बाद दोनों अपराधी वहां से भाग निकले थे. बरारी थाना क्षेत्र के खिरनी घाट में लावारिस अवस्था में लाल रंग की पैशन […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement