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जेएलएनएमसीएच में जूनियर डॉक्टरों से भिड़े परिजन, हंगामा, हाथापाई

भागलपुर: जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सोमवार की शाम छह बजे लालूचक मिरजानहाट निवासी महिला मरीज नीलम पांडे की मौत हो जाने के बाद आक्रोशित परिजनों ने इमरजेंसी वार्ड परिसर में जम कर हंगामा किया. लगभग एक घंटा तक अस्पताल परिसर रणक्षेत्र बना रहा. इस दौरान परिजनों की डॉक्टरों से नोक-झोंक व हाथापाई भी […]

भागलपुर: जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सोमवार की शाम छह बजे लालूचक मिरजानहाट निवासी महिला मरीज नीलम पांडे की मौत हो जाने के बाद आक्रोशित परिजनों ने इमरजेंसी वार्ड परिसर में जम कर हंगामा किया. लगभग एक घंटा तक अस्पताल परिसर रणक्षेत्र बना रहा.

इस दौरान परिजनों की डॉक्टरों से नोक-झोंक व हाथापाई भी हुई. मौके पर मौजूद जूनियर डॉक्टरों ने बचाव के लिए हॉस्टल से अपने साथियों को भी बुला लिया. मृतका के परिजन के साथ भी जूनियर डॉक्टर व गार्ड ने धक्का-मुक्की की. परिजनों ने मरीज की मौत के लिए डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया. वहीं डॉक्टरों का कहना था कि मरीज की मौत हो जाने के बाद उसे दिखाने के लिए लाया गया.

हंगामा के दौरान एक घंटा तक इमरजेंसी सेवा पूरी तरह बाधित रही. घटना की सूचना मिलने के बाद बरारी पुलिस मौके पर पहुंची. उसके बाद मामला शांत हुआ और इमरजेंसी वार्ड में मरीजों का इलाज शुरू हुआ. डॉक्टर ने मरीज का बीएचटी बाहर फेंकामृतका के भाई बबलू तिवारी ने बताया कि नीलम का पिछले छह दिनों से मेडिसिन वार्ड में ही इलाज चल रहा था. सोमवार सुबह नीलम की तबीयत काफी बेहतर थी. शाम करीब चार बजे उनकी हालत अचानक गंभीर हो गयी. इस पर नीलम की बेटी ट्विंकल ने इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर से उनको देखने के लिए कहा, लेकिन डॉक्टर ने कहा कि जिनकी यूनिट में इलाज चल रहा है वही देखेंगे. ट्विंकल के बार-बार गुहार लगाने पर डॉक्टर ने मरीज का बीएचटी बाहर फेंक दिया. समय पर इलाज होता, तो बच जाती जानहार कर ट्विंकल ने ट्रॉली वाले को खोजकर ट्रॉली से मां को मेडिसिन वार्ड से इमरजेंसी वार्ड लाया. तब तक उसकी हालत नाजुक हो गयी थी. इसके बावजूद जूनियर डॉक्टरों ने ही मरीज की जांच की और अंतत: नीलम की मौत हो गयी. बबलू का कहना था कि अगर समय पर सीनियर डॉक्टर इलाज करते, तो बहन की मौत नहीं होती.

नीलम पांडे का पिछले तीन महीने से डॉ अंजुम परवेज के क्लिनिक में इलाज चल रहा था. नवमी के दिन डॉ परवेज के कहने पर इमरजेंसी वार्ड में भरती कराया गया था. बाद में उनको मेडिसिन वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था. इलाज में नहीं बरती गयी लापरवाही : डॉक्टरसोमवार की शाम इमरजेंसी वार्ड में डॉ राजीव कुमार की ड्यूटी थी. जूनियर डॉक्टर सुंदर कुमार मरीज का इलाज कर रहे थे. डॉ राजीव कुमार ने बताया कि मरीज को जब इमरजेंसी वार्ड में लाया गया, उस समय हालत काफी नाजुक थी. डॉक्टरों ने मरीज को ठीक करने का भरपूर प्रयास किया, लेकिन हालात हाथ से बाहर होने के कारण नीलम पांडे की मौत हो गयी. इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती गयी है.

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