सबौर : इंजीनियरिंग कॉलेज के पीछे मंगलवार को समस्तीपुर निवासी दीपक कुमार (20) स्नान करने के दौरान गंगा में डूब गया. वह अपने चाचा बिहार कृषि विश्वविद्यालय में कार्यरत सहायक प्रोफेसर (पौधा प्रजनन विभाग) चंदन किशोर और उनके आठ वर्षीय साला रिषभ राज के साथ स्नान करने आया था. मौके पर मौजूद चंदन किशोर ने बताया कि वे जब गंगा किनारे स्नान करने पानी में उतर रहे थे, तभी दोनों बच्चे किनारे पर पानी में खेल रहे थे़ इसी बीच दीपक का पैर फिसल गया और वह पानी के तेज बहाव में बह कर डूब गया.
गांताखोरों ने की खेजबीन, नहीं मिला शवघटना की सूचना जैसे ही आसपास के क्षेत्र में पहुंची, बड़ी संख्या में लोग नदी किनारे पहुंच गये. आनन फानन में लोगों ने जीरोमाइल पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने मौके पर पहुंच एसडीआरएफ की टीम को खबर किया, लेकिन टीम शाम को घटनास्थल पर पहुंची़. इसके पूर्व परिजनों ने नवगछिया, गोपालपुर से गोताखोर को बुलवा कर खोजबीन करवायी, लेकिन सफलता नहीं मिली़ वहीं बरारी से एक बारह की तैराकी टीम ने मौके पर पहुंच कर खोज की.
शाम में एसडीआरएफ की टीम ने भी मौके पर पहुंच कर खोजबीन की, पर सफलता नहीं मिली़ इंजीनियरिंग कॉलेज के पीछे कटाव स्थल के पास पिछले बुधवार को स्नान करने के दौरान फतेहपुर गांव के दो छात्र दाऊद उर्फ डीएम और मो महताब उर्फ छोटू डूब गये थे. महताब उर्फ छोटू का शव बरामद हो गया, लेकिन दाऊद का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है़ परिजनों में मचा कोहरामसमस्तीपुर निवासी बीएयू के सहायक प्रोफेसर डॉ चंदन किशोर सपरिवार सबौर में ही एक अपार्टमेंट में रहते हैं. दीपक तीन दिन पहले उनके यहां आया था़ घटना की सूचना पाकर बीएयू से भी बड़ी संख्या में कर्मचारी व पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और श्री किशोर व परिजनों को ढाढ़स बंधाया़ चंदन के ससुर मिसरोलिया पूसा मुजफफरपुर निवासी राजू रजक ने बतया कि दीपक के पिता अरविंद रजक बिजनेस करते हैं.
दीपक पहले भी भागलपुर आता था़ वह राजस्थान में बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई करता था़ दीपक की मां मंजू देवी को सूचना दी गयी है़ दीपक के डूबने से पूरे परिवार में कोहराम मच गया है.स्नान पर लगे राेक घटनास्थल पर पहुंचे फतेहपुर गांव के लोगों का कहना था कि प्रशासन को पिछली घटना से सबक लेकर यहां पर लोगों के स्नान करने पर रोक लगानी चाहिए़ आम लोगों को कटाव स्थल पर बोरी के बाद पानी में गहराई का पता नहीं होता है़ लोग जैसे ही पानी में उतरते हैं, वे अथाह गहराई में चले जाते हैं. यहां पर पानी में तेज घुरनी धार है, जिसकी चपेट में आने पर उससे निकलना मुश्किल होता है.