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कैसे होगा नि:शक्त बेटा-बेटी का इलाज
भागलपुर : शहर के भीखनपुर मुहल्ले का एक लाचार िपता महेंद्र दास अपनी गरीबी व तंगहाली के कारण दर-दर भटकने को मजबूर है. उनकी िवडंबना यह है कि उन्होंने िरक्शा चला कर िकसी तरह अपने बेटे छोटु कुमार को बीए कराया वहीं अपनी िन:शक्त व अंधी बेटी को इंटर कराया लेकिन आिर्थक तंगी के कारण […]
भागलपुर : शहर के भीखनपुर मुहल्ले का एक लाचार िपता महेंद्र दास अपनी गरीबी व तंगहाली के कारण दर-दर भटकने को मजबूर है. उनकी िवडंबना यह है कि उन्होंने िरक्शा चला कर िकसी तरह अपने बेटे छोटु कुमार को बीए कराया वहीं अपनी िन:शक्त व अंधी बेटी को इंटर कराया लेकिन आिर्थक तंगी के कारण बेटी की पढ़ाई बीच में ही छुट गयी और बेटा पागल हो गया.
इन दोनों के इलाज के िलए वे दर दर भटके लेिकन कहीं भी दोनों का समुिचत इलाज नहीं हो पाया. मायागंज अस्पताल के चिकत्सक ने बताया िक बताया कि उनकी बेटी के आंख का नस सूख गया है और इसका इलाज यहां नहीं हो सकता. यह सुन कर तो उनके पैरो तले जमीन ही िखसक गयी. थक हार कर उन्होंने मुख्यमंत्री को आवेदन देकर सहायता की गुहार लगायी लेकिन इस पर कोई पहल नहीं हुआ, िफर उन्होंने प्रधानमंत्री को रजिस्ट्री आवेदन भेजा लेिकन वहां से भी नराशा ही हाथ लगी.
अब वे न तो ढंग से िरक्शा ही चला सकते हैं और न ही चैन की िजंदगी ही जी सकते हैं. महेंद्र दास ने बताया िक उन्होंने बड़े ही जतन से दोनों को पढ़ाया िलखाया लेकिन पढ़ाने के बाद यह िदन देखना होगा पता नहीं था. अब तो उन्हें दोनों के इलाज की िचंता खाये जा रही है कि आखिर कैसे होगा इलाज. उन्होंने कहा िक यहां तो खाने के लाले पड़े हैं ऐसे में दोनों का इलाज कैसे हो पायेगा. उन्होंने समाजसेवी व प्रशासन से इस दिशा में पहल करने की गुहार लगायी है ताकि दोनों का िकसी का तरह से इलाज हो सके.
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