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धूप व गरमी पर भारी पड़ा मोदी प्रेम, मोदी को समर्पित रहा बाजार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिवर्तन रैली में सड़कों पर जनसमूह उमड़ पड़ा. कुछ देर के लिए तो लगा कि मानो भागलपुर में कुंभ का मेला लगा हो. महिला, पुरुष, बूढ़े, बच्चे सभी की एक ही मंजिल थी हवाई अड्डा मैदान.रैली में जो जहां बिछड़ा शायद ही इस दौरान मिला. रैली में पुलिस बहुत ही मुस्तैद […]

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिवर्तन रैली में सड़कों पर जनसमूह उमड़ पड़ा. कुछ देर के लिए तो लगा कि मानो भागलपुर में कुंभ का मेला लगा हो. महिला, पुरुष, बूढ़े, बच्चे सभी की एक ही मंजिल थी हवाई अड्डा मैदान.रैली में जो जहां बिछड़ा शायद ही इस दौरान मिला.
रैली में पुलिस बहुत ही मुस्तैद दिखी जैसा कि आम दिनों में नहीं देखा जाता है. उनका व्यवहार आज दोस्ताना नजर आया. भयानक ऊमस भरी गरमी व धूप के बावजूद लोगों का उत्साह चरम पर था. हालांकि इस दौरान कुछ लोगों से जब बातचीत की, तो कुछ का जवाब बड़ा ही निराशाजनक रहा. उनका कहना था कि इस भीषण गरमी में तीन से चार किलोमीटर पैदल चलना बड़ा ही कष्टदायक है. कोई वैकल्पिक व्यवस्था होती, तो इतनी परेशानी नहीं होती.
रैली में एक और चीज देखने को मिली कि लोगों को अपनी फिक्र ही नहीं थी. बस बढ़ते चले जा रहे थे ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण को आमने-सामने सुन सकें. रैली से मुंदीचक व भीखनपुर मुहल्ले के लोगों को थोड़ी परेशानी हुई. भोलानाथपुर पुल से भीखनपुर जाने वाली सड़क में दोपहिया व चार पहिया वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गयी थी. जो लोग मिरजानहाट या बाजार से अपने घर भीखनपुर या मुंदीचक बाइक से आ रहे थे, उन्हें पूरे शहर का चक्कर लगा कर अपने मुहल्ले में आना पड़ा.
कई मरीजों को डॉक्टर के यहां पहुंचने में भारी परेशानी हुई. हालांकि रिक्शा पर कोई पाबंदी नहीं थी, जिससे लोगों को थोड़ी सहुलियत हुई. रैली में जाने की आजादी का आज लोगों ने नाजायज फायदा उठाया. पुलिस के नरम रूख से काफी अवहेलना हुई. आज पूरा शहर मोदी मय हो गया था. मोदी जिंदाबाद के नारे से पूरा शहर गूंजता रहा. लोगों के हाथों में परिवर्तन रैली का बैनर व पोस्टर साफ बयां कर रहा था कि सचमुच बिहार में इस बार मोदी की लहर है.
रालोसपा की कई महिलाएं हाथ में बैनर लिये जब सड़क पर दौड़ती जा रही थी, तो उनका उत्साह देखने लायक था. कई महिलाएं चप्पल हाथ में लेकर दौड़ रही थीं मानो चप्पल अगर पैर में रहा में रहा, तो वह पीछे छूट जायेंगी और मोदी जी का भाषण नहीं सुन पायेंगी.
हजारों लोग मोदी को न देख सके, न सुन सके
हवाई अड्डे में छोटे बच्चों को लेकर प्रवेश की थी मनाही
भागलपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देखने-सुनने की चाहत हजारों लोगों की पूरी नहीं हो पायी. इसका मूल कारण यह रहा कि हवाई अड्डा स्थित रैली स्थल में जाने के नियम-कायदे से कई लोग अनभिज्ञ थे. उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि घर से कौन-सी चीज लेकर निकलना है या कौन-सी चीज साथ में नहीं रखना है.
कई ऐसे लोग गेट से लौटते दिखे, जिन्हें तंबाकू की चुनौटी (डिब्बी) छोड़ कर अंदर जाने की ताकीद की गयी थी. नवगछिया तरफ से आनेवाले वाहन विक्रमशिला सेतु के पास ही एक-दूसरे के पीछे रोक दिये जा रहे थे. गोराडीह तरफ से आनेवाले वाहन वंशीटीकर के पास ही रोक दिये जा रहे थे.
इसी तरह कहलगांव की ओर से आनेवाले वाहन सबौर के समीप ही रोके जा रहे थे. इन कारणों से बड़ी संख्या में वाहन काफी पीछे रुक गये. लोगों पैदल पहुंचने में काफी विलंब हो गया था. वे हवाई अड्डा में प्रवेश तो पा रहे थे, लेकिन पंडाल से काफी पीछे खड़े होने के कारण मोदी को स्पष्ट सुनना मुश्किल हो रहा था. बड़ी संख्या में लोग अंदर प्रवेश करने के बाद भी बाहर निकल गये. दूसरी ओर जो लोग पंडाल में थे, उनमें कई लोग बाहर निकलने के बाद चलते हुए भाषणों की समीक्षा करते दिख रहे थे.
मोदी को समर्पित रहा बाजार
भागलपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिवर्तन रैली का असर मंगलवार को बाजार पर दिखा. बाजार खुलने के समय ही 80 से 90 फीसदी दुकानें अघोषित रूप से बंद रही. कुछेक व्यवसायी कुछ देर ग्राहकों का रुझान नहीं दिखने पर पीएम रैली की ओर रवाना हो गये. ऐसे में यही कहा जा सकता है कि पीएम नरेंद्र मोदी को सुनने के लिए बाजार समर्पित रहा.
प्राय: बाजार में दुकानें सुबह नौ से साढ़े नौ बजे तक खुल जाती हैं. कुछ दुकानें 10 बजे तक जरूर खुल जाती है और 10.30 बजे तक बाजार में पूरी तरह चहल-पहल रहती है. मंगलवार को ऐसा नजारा नहीं दिखा. सुबह 11 बजे तक मुख्य बाजार की 10 फीसदी भी दुकानें नहीं खुली.
जिन दुकानों का शटर उठी हुई थी, वे ग्राहकों के आने का इंतजार करते रहे. इक्का-दुक्का स्थानीय ग्राहक ही रैली के दौरान बहुत जरूरी होने पर बाजार पहुंचे. पीएम मोदी के भागलपुर से विदा होने और रैली का समापन होने के बाद दोपहर तीन बजे तक बंद दुकानें खुलने लगी और चार बजे तक बाजार में चहल-पहल लौट आयी.
कम पहुंची सब्जी, खरीदना पड़ा महंगा : गिरधारी साह हाट, उल्टा पुल के नीचे हर स्थान पर सब्जी कारोबारी कम पहुंचे, जिससे लोगों को बाजार में सब्जी की किल्लत ङोलनी पड़ी.
जो सब्जी आयी, उसे पहले से महंगी खरीदनी पड़ी. फल कारोबारी पप्पू, ठाकुर पोद्दार व चंदन कुमार ने कहा कि फल का बाजार सुबह ही खुल जाता है. 11 बजे तक एक भी ग्राहक नहीं पहुंचे. अब पीएम नरेंद्र मोदी का भाषण सुनने जाना पड़ेगा. यह कह कर वे लोग रैली स्थल हवाई अड्डा के लिए रवाना हो गये. कपड़ा कारोबारी संतोष केडिया ने बताया कि वह रोजाना नौ बजे तक दुकान खोल लेते हैं. उसी तरह दुकानें तो खोल लिये, लेकिन ग्राहक ही नहीं पहुंचे.
पशु आहार कारोबारी शैलेश कुमार ने बताया कि सुबह-सुबह ही थोड़ी दुकानदारी कर ली, इसके बाद रैली में पीएम के भाषण को सुनने पहुंचे. इलेक्ट्रीकल कारोबारी नवनीत ढांढनिया ने बताया कि पहले से ही रैली में जाने की तैयारी की थी. इसलिए दुकानें नहीं खोली. रैली से आने के बाद शाम को दुकान खोले. तब तक बाजार की सभी दुकानें खुल गयी थी. इससे बाजार का माहौल भी अच्छा लगने लगा.
पीएम को नहीं देखने का मलाल सड़क किनारे गाड़ियों की कतार
हवाई अड्डा में आयोजित परिवर्तन रैली को लेकर जीरोमाइल से सबौर तक सुबह छह बजे से गहमागहमी का माहौल था. सुबह सात बजे से ही जगह-जगह बैरियर पर मजिस्ट्रेट के साथ सुरक्षाकर्मियों ने मोरचा संभाल लिया था. वह पूरी तरह चौकस हो हर आने-जाने वाले लोगों व वाहनों की जांच कर रहे थे. सुबह आठ बजे दिन के बाद जीरोमाइल से सबौर तक सभी छोटे वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दी गयी थी. जीरोमाइल से सबौर की ओर सिर्फ मोटरसाइकिल को जाने की अनुमति थी, लेकिन सबौर से जीरोमाइल की ओर आने पर पाबंदी थी. 10 बजे दिन के बाद कहलगांव की ओर से बड़ी संख्या में रैली समर्थकों से भरे वाहनों के आने का जो सिलसिला शुरू हुआ वह लगभग एक बजे दिन तक जारी रहा.
सैकड़ों वाहनों में रैली समर्थक झंडा बैनर लेकर ठसम ठस ऊपर नीचे लोग चढ़ कर आ रहे थे. सभी नरेंद्र मोदी की एक झलख देखने और उनके भाषण को सुनने आ रहे थे. एक ऑटो में जहां आम दिनों आठ से दस लोग सफर करते हैं, वहीं रैली में आ रहे ऑटो पर 16 से 20 लोग सवार थे. यही हाल राज्य पथ परिवहन की बसों, स्टार बसों, सवारी गाड़ियों, जीप व ट्रैक्टरों पर सवार रैली समर्थकों की थी.
प्रशासन ने रैली में आने वाले इन सभी वाहनों को बाबूपुर मोड़ से ही सड़क के किनारे खड़ा करवा दिया. इस कारण सबौर से जीरोमाइल तक सड़क किनारे वाहनों की लंबी कतार खड़ी हो गयी थी.
हेलीकॉप्टर अइलौ, दौड़ : सुरक्षाकर्मियों ने सबौर हाइस्कूल चौक से ही छोटे वाहनों के रैली स्थल की ओर जाने पर पाबंदी लगा रखी थी. इससे बड़ी संख्या में लोग पैदल ही रैली स्थल की ओर जा रहे थे. इन लोगों ने जैसे ही आसमान में हेलीकॉप्टर उड़ते देखा, बोले अरे हेलीकॉप्टर आइलो, दौड़..भाषण शुरू हो जइतौ. तभी कुछ लोग सड़क पर दौड़ लगाते हुए नरेंद्र मोदी जिंदाबाद के नारे लगाते हुए रैली स्थल की ओर दौड़ पड़े. देखते ही देखते हवाई अड्डा के आसपास की सभी सड़कों व गलियों में भागम भाग शुरू हो गयी.
लोग एक दूसरे को धकियाते ठेलते व उछलते कूदते हवाई अड्डा पहुंचना चाहते दिखे.
उसे क्यों जाने दिया, मुङो क्यों नहीं
बाबूपुर मोड़ के पास बैरियर पर 9.30 बजे दिन में सुरक्षाकर्मियों और कुछ राहगीरों के बीच मोटर साइकिल जाने देने को लेकर नोक झोंक हुई. कुछ बाइक सवार सुरक्षाकर्मियों से कह रहे थे कि नरेंद्र मोदी का झंडा लगाने वाले मोटर साइकिल को जाने दिया, तो मुङो क्यों रोक रहे हैं.
भाजपा प्रतिनिधि मंडल ने किया स्वागत
भागलपुर में रैली को ले आगमन और प्रस्थान के समय प्रधानमंत्री केंद्रीय मंत्री भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से चूनापुर हवाई अड्डा पहुंचे. वहां भाजपा प्रतिनिधि मंडल ने गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें विदाई दी. भाजपा प्रतिनिधि मंडल में पूर्व मंत्री नीतीश मिश्र, पूर्व सांसद प्रदीप सिंह, सहरसा विधायक आलोक कुमार झा, पूर्व विधायक सिकंदर सिंह, अररिया भाजपा जिलाध्यक्ष बबन सिंह, पूर्व पूर्णिया जिलाध्यक्ष संजीव नंदन सिंह और पंचायती राज प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष जयकृष्ण झा शामिल थे. इस मौक्े पर पूर्व विधायक सिकंदर सिंह ने पीएम श्री मोदी को एक ज्ञापन सौंप कर किशनगंज को पिछड़ा जिला का दर्जा देने की मांग की.

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