भागलपुर: ईशाकचक के रितेश कुमार साहु ने गुरुवार को मिरजान हॉट एसबीआइ शाखा के प्रबंधक अश्विनी सिंह व ऋण वसूली पदाधिकारी प्रमोद कुमार गुप्ता पर सीजेएम कोर्ट में मुकदमा किया है. रितेश ने कोर्ट में दायर नालसी वाद में दोनों ही पदाधिकारियों पर टाटा मैजिक वाहन के ऋण वसूली में अधिक पैसे लेने का आरोप लगाया है. पिछले दिनों विशेष लोक अदालत में पीठासीन पदाधिकारी ने एकाउंट सेटलड व नो ड्यूज सर्टिफिकेट सर्टिफिकेट इश्यू की बातें सामने आयी हैं. सीजेएम कोर्ट ने मामले में न्यायिक जांच के आदेश दिये.
क्या है मामला. रितेश ने एसबीआइ मिरजान हाट शाखा से वर्ष 2009 में टाटा मैजिक वाहन के लिए ऋण लिया. वर्ष 2009-14 तक उन्होंने ऋण का भुगतान किया. नवंबर 2014 में गाड़ी में खराबी आने पर दो माह तक ऋण भुगतान नहीं हो पाया. ऋण भुगतान नहीं होने पर बैंक से उन्हें ऋण भुगतान नहीं करने पर वाहन जब्त करने की सूचना आयी. रितेश 16 जुलाई 2015 को बैंक गया तो शाखा प्रबंधक अश्विनी सिंह ने उन्हें ऋण वसूली पदाधिकारी प्रमोद कुमार गुप्ता के पास भेज दिया. वहां पर उसे बकाया ऋण भुगतान के बारे में नहीं बताया गया. वह दोबारा शाखा प्रबंधक के पास गये. जहां उसे 40,794 बकाया राशि की जानकारी दी गयी.
उन्होंने 20 जुलाई को सभी राशि जमा करा दी व बैंक से एनओसी ले लिया. रितेश कुमार ने बताया कि एकाउंट की जांच में उन्हें 29,894 रुपया ही बकाया मिला. इस तरह की जानकारी मिलने पर उन्होंने बैंक के शाखा प्रबंधक से बात की तो कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला. छह अगस्त को बैंक से जुड़े विशेष लोक अदालत में पीठासीन पदाधिकारी के सामने 29,894 रुपये ही बकाया ऋण राशि की बातें सामने आयी. इस दौरान उन्होंने अधिक राशि के जमा करने व एनओसी नहीं देने का मामला उठाया. पीठासीन पदाधिकारी ने भी एकाउंट सेटलड व एनओसी इश्यू नहीं किये जाने का उल्लेख किया है.