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सिपाही अमर सिंह निलंबित लिये गये हिरासत में

भागलपुर : सबौर थाना में सोमवार शाम करीब 7.15 बजे सिपाही अमर सिंह द्वारा राइफल से गोली चलाये जाने पर थाना के मुंशी संजय कुमार नीरज की मौत हो गयी. गोली संजय के दायी ओर सीने में लगी थी. खून से लथपथ संजय को जेएलएनएमसीएच लाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. […]

भागलपुर : सबौर थाना में सोमवार शाम करीब 7.15 बजे सिपाही अमर सिंह द्वारा राइफल से गोली चलाये जाने पर थाना के मुंशी संजय कुमार नीरज की मौत हो गयी. गोली संजय के दायी ओर सीने में लगी थी. खून से लथपथ संजय को जेएलएनएमसीएच लाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
संजय की मौत की खबर पर प्रशासन और पुलिस अधिकारी जेएलएनएमसीएच पहुंचे. एसएसपी विवेक कुमार, एएसपी वीणा कुमारी, सदर एसडीओ कुमार अनुज व विधि व्यवस्था डीएसपी राकेश कुमार ने जेएलएनएमसीएच पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया. कई थानों की पुलिस भी मायागंज पहुंची. सिपाही अमर सिंह को निलंबित कर, हिरासत में ले लिया गया है. मामले को लेकर सिपाही अमर सिंह के खिलाफ एफआइआर दर्ज करायागया है.
देर रात तक संजय के शव के पोस्टमार्टम की प्रक्रिया चलती रही. मेडिकल बोर्ड के गठन के बाद ही शव का पोस्टमार्टम होगा. इधर, एसएसपी ने बताया कि सिपाही अमर सिंह की राइफल लेकर मुंशी संजय कुमार नीरज छेड़छाड़ कर रहा था. भूलवश गोली चल गयी और मुंशी की मौत हो गयी.
कैसे घटी घटना : सबौर थाना में घटना के समय मौजूद सिपाहियों ने बताया कि थाना की गाड़ी मायागंज से लौटी थी. उसी गाड़ी पर सिपाही अमर सिंह भी था. थाना की गाड़ी पहुंचते ही पीछे से थाना का मुंशी संजय कुमार नीरज भी अपनी बाइक से थाना पहुंचा. उसके थाना पहुंचते ही सिपाही अमर सिंह से किसी मुद्दे पर उनकी बहस होने लगी. प्रत्यक्षदर्शी सिपाहियों ने बताया कि बात हंसी-मजाक की लग रही थी पर अमर सिंह बार-बार कह रहा था कि वह गोली मार देगा.
लगभग दो मिनट तक इसी तरह की बातें होती रही और तभी सिपाही ने अपने राइफल से गोली चला दी. मुंशी की छाती में गोली लगी और वह वहीं गिर पड़ा. गोली चलते ही थाना की गाड़ी से ही संजय को इलाज के लिए पुलिस मायागंज लेकर पहुंची. तब तक काफी देर हो चुकी थी और संजय का काफी खून बह चुका था. जेएलएनएमसीएच में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
10 साल से कर रहा था मुंशी का काम
संजय सबौर अनुसूचित टोला का रहनेवाला था. पिछले 10 साल से थाना में प्राइवेट मुंशी के तौर पर काम कर रहा था. संजय के परिवारवालों ने बताया कि संजय को पांच हजार रुपये महीना मिलता था. संजय के दो बच्चे हैं. बेटी 13 साल की है जबकि बेटा 10 साल का है. संजय के दो छोटे भाई हैं.
अजय प्राइवेट नौकरी करता है जबकि विजय कृषि विभाग में कार्यरत है. संजय के पिता सिल्क फैक्टरी में काफी समय तक काम करने के बाद प्राइवेट ट्यूशन करते हैं. संजय की मां रानी देवी की मौत बीते 9 फरवरी को हो चुकी है.
एक्सीडेंट की बात क्यों कही थाना इंचार्ज ने
संजय कुमार नीरज के घर पर काफी भीड़ लगी थी. आस-पास के लोग वहां जमा थे. संजय के छोटे भाई विजय की पत्नी ने बताया कि रात सात बज कर 55 मिनट पर सबौर थाना इंचार्ज रीता कुमारी का कॉल संजय के छोटे भाई अजय के मोबाइल पर आया.
थाना इंचार्ज ने बताया कि संजय का एक्सीडेंट हो गया है और उसे मायागंज ले जाया जा रहा है. संजय के घरवालों का कहना था कि थाना प्रभारी ने उनसे झूठ बोला. संजय के परिजनों ने यह भी कहा कि संजय को सवा सात बजे के लगभग गोली लगी थी पर उन्हें लगभग आठ बजे बताया गया.
गलती से नहीं जानबूझ कर मारी गोली
संजय कुमार के परिजनों ने आरोप लगाया है कि उसकी हत्या जान बूझ कर पुलिस वाले ने की है. संजय के परिजनों का कहना था कि सिपाही अमर सिंह ने किसी बात से नाराज होकर संजय को गोली मारी. राइफल से छेड़छाड़ के दौरान गोली चलने की बात को झूठ बता रहे थे संजय के परिजन.

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