18.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बच्चों को पीटा, तो शिक्षक सस्पेंड

भागलपुर/पटना: स्कूल परिसर में किसी बच्चे को फिजिकल, साइकोलॉजिकल और एजुकेशनल पनिशमेंट नहीं दिया जा सकता है. शिक्षा का अधिकार एक्ट 2009 के तहत अगर किसी को स्कूल में कॉरपोरल पनिशमेंट की शिकायत आयेगी, तो इसके लिए संबंधित शिक्षक के साथ स्कूल के प्रिंसिपल को भी दोषी माना जायेगा. इस संबंध में काउंसिल फॉर दी […]

भागलपुर/पटना: स्कूल परिसर में किसी बच्चे को फिजिकल, साइकोलॉजिकल और एजुकेशनल पनिशमेंट नहीं दिया जा सकता है. शिक्षा का अधिकार एक्ट 2009 के तहत अगर किसी को स्कूल में कॉरपोरल पनिशमेंट की शिकायत आयेगी, तो इसके लिए संबंधित शिक्षक के साथ स्कूल के प्रिंसिपल को भी दोषी माना जायेगा. इस संबंध में काउंसिल फॉर दी इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (आइसीएसइ) ने कॉरपोरल पनिशमेंट पर कड़ा निर्णय लिया है.

आइसीएसइ ने स्कूलों को निर्देश दिया है कि यदि किसी स्कूल में कॉरपोरल पनिशमेंट की शिकायत आती है, तो ऐसे स्कूल के टीचर को तीन साल तक स्कूल से बाहर किया जा सकता है. जांच में स्कूल के प्रिंसिपल दोषी पाये गये, तो ऐसे प्रिंसिपल को भी उनके पद से हटाया जा सकता है. बोर्ड ने यह निर्देश तमाम स्कूलों को भेज दिया है. पटना के स्कूलों को निर्देश प्राप्त हो चुका है, लेकिन काउंसिल के कनवेनर के मुताबिक अभी भागलपुर के स्कूलों को नहीं मिला है. ज्ञात हो कि मानव संसाधन मंत्रलय द्वारा तमाम बोर्ड को शिक्षा के अधिकार कानून को सख्त करने को कहा गया है.

हर तीन में से दो स्कूलों में सजा : चिल्ड्रेन एब्यूज इन इंडिया रिपोर्ट, 2007 के अनुसार देश भर में हर तीन स्कूलों में से दो स्कूलों में एक बच्चे को सजा दी जाती है. कॉरपोरल पनिशमेंट में प्राइमरी और उच्च क्लास के स्टूडेंट अधिक शामिल हैं. छह राज्यों में किये गये एक सर्वे के अनुसार जाति के अनुसार भी बच्चों को शारीरिक सजा दी जाती है. इसके अलावा स्कूल में इकोनॉमिकल, सोशल और रिलिजियन के आधार पर भी बच्चों को सजा दी जाती है.

आइसीएसइ बोर्ड की ओर से स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि यदि किसी बच्चे को टीचर सजा दे रहे हैं, तो ऐसी स्थिति में बच्चे खुल कर बोलने की सलाह दें. कई बार टीचर बच्चे को डरा-धमका कर चुप रहने का दबाव बनाते हैं. ऐसे में बच्च स्कूल जाने से कतराता है.

पटना के एक शिक्षक के खिलाफ हो चुकी है कार्रवाई
सीबीएसइ ने पटना जोन के विद्या निकेतन स्कूल के एक टीचर मिस्टर जोशी को तीन साल के लिए स्कूल से निकाल दिया है. टीचर पर आरोप था कि उसने बच्चे को काफी पीटा था. इससे बच्चे के हाथ की हड्डी टूट गयी थी. अभिभावकों ने सीबीएसइ से शिकायत की थी. इसके बाद मामले की दो साल तक जांच हुई. पिछले जून में टीचर मिस्टर जोशी को तीन साल के लिए निष्कासित कर दिया गया.
कॉरपोरल पनिशमेंट से संबंधित पूर्व में निर्देश मिले थे, जिसे स्कूल में पूरी तरह लागू कर दिया गया है. लेकिन काउंसिल ने हाल में ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया है.
फादर जोस, कनवेनर आइसीएसइ, भागलपुर

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें