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नहीं थम रहा विवाद: नगर निगम बता रहा है जिला प्रशासन की जिम्मेदारी, बूचड़खाना के मुद्दे पर जिच कायम
भागलपुर: बूचड़खाना बंद कराने को लेकर शहर में चक्का जाम व विरोध प्रदर्शन हो रहा है. निगम व जिला प्रशासन इस मुद्दे पर एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोप रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना था कि नगर निगम के पानी सप्लाई के पाइप में पशुओं का खून आ रहा था. बावजूद अब तक कोई ठोस […]
भागलपुर: बूचड़खाना बंद कराने को लेकर शहर में चक्का जाम व विरोध प्रदर्शन हो रहा है. निगम व जिला प्रशासन इस मुद्दे पर एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोप रहे हैं.
स्थानीय लोगों का कहना था कि नगर निगम के पानी सप्लाई के पाइप में पशुओं का खून आ रहा था. बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. नगर निगम ने 10 जुलाई को जिलाधिकारी, एसएसपी व तमाम अधिकारियों को पत्र भेजा कि शहर में अवैध बूचड़खाना चल रहा है,कानूनी कार्रवाई करें.
नगर निगम के कर्मचारी महेश प्रसाद साह कहते हैं कि पहले वार्ड 39 में निगम से निबंधित पशु वधशाला था, लेकिन 2002 के बाद पशु वधशाला को लाइसेंस नहीं दिया गया. पिछले वर्ष राज्य सरकार ने आधुनिक वधशाला के निर्माण के लिए डीपीआर मांगा गया था. हमलोगों ने डीपीआर बना कर भेज दिया, लेकिन तकनीकी कारणों से उसे रद्द कर दोबारा डीपीआर मांगा. दोबारा डीपीआर बना कर भेजा है, लेकिन अब तक कोई दिशा निर्देश नहीं मिला है. वार्ड पार्षद मोहम्मद असगर का कहना है कि जब तक आधुनिक वधशाला का निर्माण नहीं होगा, यह संकट जारी रहेगा.
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