भागलपुर: जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मेडिसिन विभाग स्थित सेमिनार हॉल में शनिवार को टीबी जांच पर सेमिनार का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए प्राचार्य डॉ अजरुन कुमार सिंह ने बताया कि मेडिसिन विभाग की तरह ही अन्य विभागों में सेमिनार कराये जायें.
इससे पीजी व एमबीबीएस के छात्र-छात्राओं को नयी जानकारी मिलेगी. टीबी एवं चेस्ट विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ डीपी सिंह ने कहा कि बलगम जांच से ही टीबी का सही पता चल सकता है. लेकिन अधिकतर चिकित्सक छाती का एक्सरे रिपोर्ट देख कर टीबी का इलाज करते हैं, जो गलत है.
एक्सरे के माध्यम से टीबी का इलाज 80 प्रतिशत गलत ही होता है. सटीक इलाज जीन एक्सपर्ट मशीन से बलगम जांच रिपोर्ट से ही हो सकता है. उन्होंने बताया कि दिसंबर तक आइआरएल लैब में कल्चर जांच की सुविधा हो जायेगी. इससे एमडीआर के मरीजों की जांच के लिए पटना बलगम नहीं भेजना पड़ेगा. पीजी छात्र डॉ प्रकाश कुमार ने फेफड़े के टीबी, डॉ संजीव पांडेय ने एमडीआर मरीजों की जांच, डॉ उमा शंकर ने फेफड़े के अलावा दूसरे भाग में टीबी होने व डॉ अमित कुमार ने बच्चों में टीबी की बीमारी का पता और इलाज करने पर विचार दिये. संचालन डॉ विनय कुमार झा ने किया. इस मौके पर मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ केडी मंडल, सजर्री के डॉ यू नाथ, शिशु विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ आरके सिन्हा, डॉ मृत्युंजय चौधरी, डॉ हेम शंकर शर्मा, डॉ भारत भूषण, डॉ अशोक राय, डॉ एसपी सिंह, डॉ सीएम उपाध्याय, डॉ पवन झा, डॉ पंकज कुमार, प्रदीप कुमार, इंद्रदेव, प्रशांत कुमार, बिरजू कुमार आदि मौजूद थे.