इसके बाद भागलपुर-हंसडीहा की स्थिति का जायजा लेने निकले. यहां भी वे रजाैन से आगे नहीं गये. पथ निर्माण विभाग कार्य प्रमंडल, भागलपुर के आइबी में लग्जरी गाड़ी पर सवार होकर ही उन्होंने निरीक्षण किया. इंजीनियरों के साथ बातचीत कर पटना लौट गये. यानी 80 किमी लंबी सड़क का निरीक्षण चीफ इंजीनियरों ने तीन घंटे में कर लिया.
चीफ इंजीनियर के साथ सात इंजीनियरों की टीम थी. इसमें भागलपुर से सुपरिटेंडेंट इंजीनियर प्रेमचंद राय, कार्यपालक अभियंता शैलेंद्र कुमार सिंह सहित अन्य थे. सुपरिटेंडेंट इंजीनियर श्री राय ने बताया कि विक्रमशिला एप्रोच पथ के निर्माण में कई तरह का व्यवधान आ रहा है. इससे सड़क का निर्माण कार्य बंद है. आगे इसका निर्माण किस तरह से कराया जाये, ताकि सुगमता पूर्वक सड़क बन सके, इसको लेकर चीफ इंजीनियर निरीक्षण कर लौटे हैं. इसकी रिपोर्ट तैयार की जायेगी. लगभग 10 करोड़ खर्च के बाद भी जब विक्रमशिला सेतु एप्रोच पथ आधा अधूरा रह गया, तो बेगूसराय की ब्रॉड वे कंपनी को सड़क निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गयी. लेकिन, यह ठेकेदार भी सड़क निर्माण कार्य नहीं कर पा रहा है.