इसके अलावा इमरजेंसी में भी 50 से 60 मरीज आते हैं. यहां विभिन्न विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों से वो इलाज कराते हैं. इस दौरान कई अत्याधुनिक सुविधाओं की कमी महसूस होती थी. उन्हें हाइटेक करने की प्रक्रिया जारी थी. इस क्रम में कई बदलाव हुए हैं. जानकारों का कहना है कि इससे यहां इलाज और बेहतर हो जायेगा. इन सुविधाओं को लेकर चिकित्सक भी उत्साहित हैं.
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पंद्रह दिन बाद जेएलएनएमसीएच में मिलेंगी कई सुविधाएं, अब एम्स के रेट पर सिटी स्कैन
भागलपुर: जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल जल्द और सुविधा संपन्न होने जा रहा है. एक पखवारे के अंदर यहां कई अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जिससे आम लोगों को सुविधा होगी. बता दें कि इस मेडिकल अस्पताल में झारखंड व पूर्व बिहार एवं कोसी क्षेत्र के किशनगंज, अररिया, कटिहार, पूर्णिया, सहरसा, सुपौल, खगड़िया, मधेपुरा समेत […]
भागलपुर: जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल जल्द और सुविधा संपन्न होने जा रहा है. एक पखवारे के अंदर यहां कई अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जिससे आम लोगों को सुविधा होगी. बता दें कि इस मेडिकल अस्पताल में झारखंड व पूर्व बिहार एवं कोसी क्षेत्र के किशनगंज, अररिया, कटिहार, पूर्णिया, सहरसा, सुपौल, खगड़िया, मधेपुरा समेत अन्य जिले से ओपीडी में रोज लगभग 1500 मरीज आते हैं.
बिहार का पहला शहर बना
यह 16 स्लाइस की लेटेस्ट आधुनिक तकनीक की मशीन है. यह मशीन बिहार के किसी भी सरकारी अस्पताल में नहीं है. इससे न सिर्फ भागलपुर में इलाज बेहतर होगा, बल्कि बिहार में भागलपुर का नाम भी होगा.
डॉ एके मुरारका
प्रभारी विभागाध्यक्ष , रेडियोलॉजी विभाग
पूरी सुविधा देंगे मरीजों को
एम्स के रेट पर मरीजों का सिटी स्कैन किया जायेगा. एम्स में ब्रेन का एक हजार व पूरे शरीर का 1100 रुपया लिया जाता है. इसी आधार पर यहां भी मरीजों की जांच की जायेगी. फेको विधि से मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया जायेगा.
डॉ आरसी मंडल, अधीक्षक
जो सुविधाएं मिलनेवाली हैं
16 स्लाइस की सिटी स्कैन मशीन : अभी तक इस स्तर की मशीन बिहार के किसी भी सरकारी अस्पताल में नहीं है. जापान की हिटाची कंपनी से ढ़ाई करोड़ की लागत से इसकी खरीद हुई है. पहले यहां की पुरानी मशीन पर ब्रेन का स्कैन तीन मिनट में होता था, अब एक मिनट में हो जायेगा. ब्रेन हेमरेज, सड़क दुर्घटना (आरटीए) और हर्ट अटैक के मरीजों को इसकी जरूरत पड़ती है. इस तरह की सुविधा अभी तक यहां नहीं थी.
फेको मशीन : बिहार का यह पिछड़ा हुआ इलाका है. यहां आंख के मरीजों को काफी असुविधा होती थी. इस सुविधा से लोगों को फायदा होगा, साथ ही अधिक मरीजों का ऑपरेशन हो सकेगा.
वारमर : नवजात की सही देखरेख नहीं होने की स्थिति में उनकी जान पर बन आती है. गरीब लोगों को काफी दिक्कत होती थी, क्योंकि बाहर में इस सुविधा के लिए ज्यादा पैसे खर्च होते थे. अस्पताल में बिना पैसे के अपने लाल को बचा सकेंगे लोग.
डिजिटल एक्सरे मशीन : अब पहले से स्पष्ट और पुख्ता तसवीर होगी. इलाज में
सुविधा मिलेगी.
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