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फिर मिले सत्यापन के लिए आये आठ अंकपत्र फर्जी, मचा हड़कंप बड़े रैकेट के शामिल होने की आशंका

भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में 17 जून से लेकर अब तक अलग-अलग कॉलेजों के आठ छात्र-छात्रएं अपना अंकपत्र लेकर उसकी सत्यता की जांच के लिए पहुंचे. सभी मार्क्‍सशीट फर्जी (फेक) पाये गये. इनमें दो छात्रों के खिलाफ विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी और वे जेल भेजे जा चुके हैं. इस घटना ने उन […]

भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में 17 जून से लेकर अब तक अलग-अलग कॉलेजों के आठ छात्र-छात्रएं अपना अंकपत्र लेकर उसकी सत्यता की जांच के लिए पहुंचे. सभी मार्क्‍सशीट फर्जी (फेक) पाये गये. इनमें दो छात्रों के खिलाफ विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी और वे जेल भेजे जा चुके हैं.

इस घटना ने उन तमाम छात्र-छात्राओं की नींद हराम कर दी है, जिसने बेहतर अंकों के साथ मार्क्‍सशीट हथियाने के लिए किसी न किसी बिचौलिये का सहारा लिया. असर दिखना भी शुरू हुआ और डीएनएस कॉलेज रजाैन का एक छात्र व शारदा झुनझुनवाला महिला कॉलेज की एक छात्र मार्क्‍सशीट फर्जी होने की बात सुनते ही परीक्षा विभाग से भाग खड़े हुए. इसके अलावा चार छात्रों ने आरटीआइ से मार्क्‍सशीट की सत्यता की सूचना मांगी है. सवाल है कि लगातार मिल रहे फर्जी मार्क्‍सशीट कहीं बड़े रैकेट की ओर इशारा तो नहीं कर रहा है.

अब कमेटी की रडार पर मार्क्‍सशीट रैकेट : लगातार मिल रहे फर्जी मार्क्‍सशीट ने विश्वविद्यालय की जांच कमेटी की आशंका को भी गहरा कर दिया है कि बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं को फर्जी मार्क्‍सशीट बांटने में बड़ा खेल हुआ है. इसमें किसी न किसी बड़े रैकेट के शामिल होने की बू आने लगी है. अब कमेटी की जांच रैकेट तक पहुंचने की ओर चल चुकी है. सूत्र बताते हैं कि रैकेट तक पहुंचने के लिए कमेटी पहले विवि के परीक्षा विभाग के उन कर्मचारियों को चिह्न्ति कर रही है, जो संदिग्ध हैं.
दो छात्र जा चुके हैं जेल : रैकेट से अंक पत्र खरीदने के बाद तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में गत 17 जून को अंक पत्र की सत्यता की जांच कराने पहुंचे छात्रों को अंक पत्र फर्जी पाये जाने पर पकड़ लिया गया था. दोनों ने कबूल किया था कि एसके बप्पी नामक छात्र से बीए इंगलिश ऑनर्स का अंक पत्र खरीदा था. विवि के प्रोक्टर के लिखित बयान पर विवि थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद पुलिस ने दोनों छात्रों को जेल भेज दिया था. पकड़े गये छात्रों में रिजवानुल हक एमएम कॉलेज व नुरुज्जान मारवाड़ी कॉलेज का छात्र है. दोनों छात्र बंगाल के मालदा जिले का रहनेवाला है.
रैकेट के सरगना की तलाश : जेल भेजे गये दोनों छात्रों के विवि को दिये गये लिखित बयान के आधार पर पुलिस एसके बप्पी की तलाश कर रही है. लेकिन 12 दिन के बाद भी पुलिस को सफलता हासिल नहीं हो पायी है.
डर रहे छात्र, कैसे करें सत्यापन : दो छात्रों के जेल जाने के बाद अधिकतर वैसे छात्र डर गये हैं कि कहीं मार्क्‍सशीट जांच कराने जायें और विवि प्रशासन उन्हें पुलिस के हवाले कर दे. उन छात्रों में डर अधिक है, जो रिजल्ट में फेल होने के बाद किसी न किसी बिचौलिये के माध्यम से पास मार्क्‍सशीट खरीदा है.

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