भागलपुर: राज्य के विश्वविद्यालयों द्वारा राज्य सरकार को भेजे गये वित्तीय वर्ष 2015-16 के बजट में कई खामियां मिली हैं. इनमें तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय व बीएन मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के बजट भी शामिल हैं. खामियों को दूर करने के लिए कुलसचिवों को उच्च शिक्षा विभाग में आयोजित बैठक में उपस्थित होने का निर्देश उच्च शिक्षा के निदेशक एसएम करीम ने दिया है.
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के वित्तीय परामर्शी, वित्त पदाधिकारी, बजट पदाधिकारी, उपकुलसचिव व प्रशाखा पदाधिकारी की बैठक 17 जून को और बीएन मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के पदाधिकारियों की बैठक 19 जून को आयोजित होगी.
निदेशक ने विश्वविद्यालय को भेजे पत्र में कहा है कि बजट में स्वीकृत बल व कार्यरत बल में अंतर पाया गया है. पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष कुछ कर्मियों के नाम में भी अंतर मिला है.
राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत किये गये वेतनमान से अधिक वेतनमान किये जाने की शक्ति विश्वविद्यालय के किसी भी प्राधिकार, समिति या अधिकारी के पास नहीं है. बावजूद इसके शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मचारियों के मूल वेतन को निर्धारित वेतनमान से भी अधिक अंकित करते हुए राशि की मांग बजट में की गयी है.
राज्य सेवी वर्ग के चतुर्थ वर्गीय कर्मियों को तृतीय वर्ग में सीधी प्रोन्नति दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है. लेकिन विश्वविद्यालय मुख्यालय सहित कुछ महाविद्यालयों के चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को तृतीय वर्गीय कर्मचारियों के पदों पर प्रोन्नति दी गयी है. निदेशक ने स्पष्ट कहा है कि विश्वविद्यालय का बजट पारित करना और उसके अनुरूप राशि स्वीकृत किया जाना वित्तीय प्रबंधन (फाइनांसियल मैनेजमेंट) के मापदंडों के अनुसार प्रतीत नहीं हो रहा है. कुछ विश्वविद्यालयों के बजट में वित्तीय वर्ष 2012-13 में जिन कर्मियों का नाम दर्शाया गया था, वित्तीय वर्ष 2013-14, 2014-15 व 2015-16 के बजट में उनका नाम हटा कर अन्य कर्मी का नाम दिया गया है.