पीरपैंती. प्रखंड के रेफरल अस्पताल में 36 संविदा कर्मियों के अलावा आशा व ममता सहित कुल 326 कर्मी हड़ताल पर हैं. हड़ताल के पूर्व यहां करीब 10 प्रसव प्रतिदिन होते थे. आशा व ममता के हड़ताल के कारण यह संख्या शून्य पर पहंुच गयी है. गंभीर रूप से घायल मरीजों को इलाज करने में काफी परेशानी हो रही है. दुर्घटनाओं एव मारपीट की घटनाओं में घायल को मेडिकल सर्टिफिकेट के लिये अस्पताल में इलाज के लिये आना पड़ता है वरना अन्य सभी गंभीर रोगी निजी क्लिनिकों का सहारा ले रहे हैं. प्रभारी चिकित्सा प्रभारी डॉ एनके वर्मा ने बताया कि हड़ताल से अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था काफी प्रभावित हुई है. प्रसव कराने आयी महिलाओं को अस्पताल के मुख्य द्वार पर रोकने की जानकारी मिल रही है. ऐसा करना मानवीय हित के विपरीत है. उन्होंने बताया कि उनके अस्पताल में जीवनोपयोगी वैक्सीन करीब 15-20 लाख राशि की रखी गयी है. हड़ताल के कारण इनका उपयोग में नहीं हो पा रहा है. इनके रख-रखाव के लिये उचित तापक्रम, मेंटेन करने के लिये जेनरेटर पर करीब 380 रुपये प्रति घंटा का खर्च आ रहा है. उन्होंने हड़ताल से एंबुलेंस ड्राइवर प्रसव कराने आयी महिलाओं तथा गंभीर रूप से घायल मरीजों को अलग रखने की मानवता के आधार पर आग्रह किया है. इधर हड़ताली कर्मियों ने कहा कि उनकी मंशा नहीं है कि मरीजों का नुकसान हो लेकिन आखिर हमलोगों द्वारा बार-बार के आग्रह के बावजूद सरकार द्वारा संज्ञान नहीं लेने पर बाध्य होकर हड़ताल पर जाना पड़ा. गोप गुट के स्थानीय अधिकारियों अभय सिंह, मुखिया यादव व सरयुग साह को हड़ताली कर्मियों से सहयोग देने के लिये आभार जताया है.
संविदा कर्मियों के हड़ताल से चरमरायी स्वास्थ व्यवस्था
पीरपैंती. प्रखंड के रेफरल अस्पताल में 36 संविदा कर्मियों के अलावा आशा व ममता सहित कुल 326 कर्मी हड़ताल पर हैं. हड़ताल के पूर्व यहां करीब 10 प्रसव प्रतिदिन होते थे. आशा व ममता के हड़ताल के कारण यह संख्या शून्य पर पहंुच गयी है. गंभीर रूप से घायल मरीजों को इलाज करने में काफी […]
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